मार्च की तपिश से गेहूं की फसल प्रभावित, किसानों को सताने लगा कम पैदावर का डर

March 21 2022

मार्च महीने में तेज गर्मी का गेहूं की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। सर्दी में अधिक नमी के चलते गेहूं की बालियां छोटी रह गईं और अब समय से पहले ज्यादा गर्मी पड़ने से दाने सूखने लगे हैं। माना जा रहा है कि प्रति एकड़ दो से तीन क्विंटल पैदावर कम होगी। यही नहीं दाने भी पतले होंगे।

इस समस्या को देख किसान चिंतित हैं। इस बार मार्च में ही गर्म हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं, इसका सीधा असर गेहूं की फसल पर पड़ रहा है। खेतीबाड़ी अधिकारी परविंदर सिंह का कहना है कि समय से पहले अधिक गर्मी पड़ने से प्रति एकड़ चार मन (प्रति मन 40 किलो) कम पैदावार की संभावना है। बालियों में दाने पतले रह जाएंगे।

बिजाई में देरी हुई

गांव भाने वाला निवासी किसान सिंह ने बताया कि इस बार पंजाब सरकार की तरफ से उन्हें डीएपी खाद देरी से मिली है, इसीलिए गेहूं की बिजाई निर्धारित समय से लेट की गई है। मार्च में बालियों में दाने मोटे होने थे लेकिन गर्मी जल्द पड़ने से दाने पतले रह गए और सूखने लगे। इससे प्रति एकड़ तीन क्विंटल गेहूं का नुकसान किसानों को होगा।

अधिक नमी से दाने छोटे रह गए

किसान गुरदीप सिंह निवासी मंडी लाधुका ने बताया कि उन्होंने गेहूं का बीज 3086 इस्तेमाल किया था, जिसके दाने अधिक नमी के कारण छोटे रह गए हैं। पहले ही छोटी बालियों के चलते दाने अधिक नहीं हुए थे और अब समय से पहले गर्मी पड़ने से दाने सूखने लगे हैं, जिस कारण दाने पतले हो गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास सोलह एकड़ जमीन है। मार्च में जिस तरह गर्म हवाएं चल रही हैं, इसका सीधा असर गेहूं की फसल पर पड़ रहा है। किसानों को प्रति एकड़ दो से तीन क्विंटल का नुकसान होगा। किसानों को लाभ की उम्मीद नहीं है, सिर्फ डीजल, खाद, कीटनाशक दवा व बीज का खर्च निकलेगा।

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स्रोत: Amar Ujala