मध्यप्रदेश में नकली और खराब बीज नहीं बेच पाएंगे व्यापारी, फैसलेस सैंपलिंग होगी

May 13 2022

भोपाल. किसानों को नकली कीटनाशक और खराब या अमानक बीज बेचकर नुकसान पहुंचाने वाले व्यापारियों पर मध्यप्रदेश सरकार शिंकजा कस रही है. ऐसे व्यापारियों को पकड़ने के लिए बीज की सैंपलिंग पूरी तरह से फैसलेस की गई है.
बीते तीन साल में तीन हजार बीज के सैंपल में से 90 प्रतिशत सही पाए गए थे. जबकि किसानों की शिकायत थी कि खराब बीज की वजह से उन्हें सही उपज नहीं मिली. कृषि विभाग के अफसरों ने जब इसकी बारीकी से जांच की तो पता चला कि सैंपलिंग के बाद व्यापारी लैब व जांच रिपोर्ट पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उसमें क्लीनचिट पा लेते हैं. इस वजह से सरकार को बड़ी गड़बड़ी की शंका हो रही थी. कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि नकली कीटनाशक और बीज बेचने वालों के साथ लैब और विभाग के अफसरों के बीच सांठगांठ को रोकने के लिए नया सिस्टम लाया गया है.
अब यह होगा
कृषि विभाग में नकली कीटनाशक और बीज के लगातार प्रकरण सामने आने के बाद अब सैंपल पर कोई ब्यौरा नहीं दिया जाएगा. बल्कि इस पर एक क्यूआर कोड चस्पा किया जाएगा. इसके लिए डाक विभाग के साथ करार हुआ है. इसी क्यूआर कोड के आधार पर डाक विभाग संबंधित लैब में सैंपल भेज देगा. यहां लैब में भी पता नहीं चलेगा कि यह सैंपल कहां से और किसने भेजा है. जब रिपोर्ट आ जाएगी तो उसी क्यूआर कोड के आधार पर रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाएगी.
अभी बीज के सैंपल लेने के बाद बीज निरीक्षक व्यापारी की फर्म के नाम-पते से लेकर घर तक का सारा ब्यौरा लिखता था. फिर बीज निरीक्षक से लेकर लैब तक की जानकारी भी सभी को रहती थी. जैसे ही लैब में बीज पहुंचता था, वैसे ही गड़बड़ियां शुरू हो जाती थी.
नई व्यवस्था में सैंपल लेने के बाद मानक या अमानक की रिपोर्ट आने तक पता नहीं चलेगा. इससे सैंपल के बाद जांच रिपोर्ट आने के बीच में होने वाली गड़बड़ नहीं होगी.
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स्रोत: News 18