भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में तैयार हुई टमाटर की दो शंकर किस्में

August 24 2023

टमाटर की खेती करने के लिए किसान सर्द मौसम का ही चयन करते हैं क्योंकि गर्मी में टमाटर का उत्पादन और रंग दोनों ही प्रभावित होते है। जनवरी में टमाटर की नर्सरी तैयार करनी होती है, तब जाकर अप्रैल तक किसानों को टमाटर से फल प्राप्त होते हैं। अभी तक गर्मी में टमाटर की खेती के लिए किसानों के पास कोई किस्म नहीं थी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक इसी प्रयास में लगे हुए थे कि किसानों को गर्मी में पैदा होने वाली टमाटर की शंकर किस्म मिल सके। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ नागेंद्र राय 2011 से प्रयास कर रहे थे। इसके लिए 782 क्रॉस कंबीनेशन बनाया गया तब जाकर 12 साल के बाद काशी तपस और काशी अद्भुत नाम की दो किस्मों को विकसित किया जा सका है। जून के प्रथम सप्ताह तक इन किस्मों के रंग और उत्पादन में कोई फर्क नहीं मिलता है। टमाटर की ये दोनों किस्में 40 से 45 टन पैदावार प्रति हेक्टेयर देती है। इन नई प्रजाति से किसानों की आय बढ़ेगी। वहीं उनका मुनाफा भी बढ़ेगा। सामान्य प्रजातियों का उत्पादन 18 से 24 टन होता है। किसानों को फिलहाल इन दोनों किस्मों के बीज के लिए दो साल तक इंतजार करना होगा।

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स्रोत: किसान तक