बारिश से सूख रहे खेतों को मिली संजीवनी , खेती के काम में आई तेजी

July 20 2021

किसान इन दिनों बादल की तरफ टकटकी लगा कर देख ही रहे थे कि अचानक मौसम का रुख बदला और दोपहर बारिश शुरू हो गई । पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं होने से खेत में दरारे आ गई थी। धान की फसल सूखने की कगार में थे। जिसके कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खिच गई थी। सप्ताह भर से वर्षा बंद होने से खेती किसानी का काम थम गया था। रोपा बोआई बतर के लिहाज से पर्याप्त वर्षा नहीं होने से खेती दिनोदिन पिछड़ती जा रही थी। मगर आज क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई और किसान खुश हैं।

लगभग एक सप्ताह के बाद झमाझम बारिश होने से अब खेती किसानी के काम में तेजी आएगी। सप्ताह भर से बारिश नही होने के कारण लेई पद्घति से धान बोआई वाले खेतों में दरारे पड़ने लगी थी । बारिश होने से धान रोपाई का काम शुरू हो गया। वहीं वारिश से लोगों को उमसभरी गर्मी से राहत मिली है। बलौदा तहसील के लगभग 27 गांव में नहर का पानी नहीं पहुंचता है इसकी वजह खेत की ऊंचाई नहर से अधिक है। ऐसे में यहां के किसान बारिश के पानी पर निर्भर हैं। इस वर्ष बरसात के शरुवात में ही ज्यादा बारिश होने के कारण किसान खुर्रा बोआई नहीं कर सके। पानी ज्यादा होने से ही लेई पद्घति व रोपाई खेती का कार्य ही हो रहा है। बारिश होने से अब इस काम में गति आएगी । डीजल के दाम बढ़ने से खेती महंगी हो गई है। वही रोपाई का कार्य भी महंगा हो गया है । रोपाई के कार्य में मजदूरी प्रति एकड़ 4800 से 5000 हजार रुपये खर्च आ रहा है। किसानों के लिए लेई व रोपाई दोनों खेती कार्य महंगा हो साबित हो रहा है।

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स्रोत: Nai Dunia