बारिश का पानी भरने से धान में पैदा हो रही हैं ये तीन मुसीबत

October 12 2022

Paddy Crop Management: मानसून में देरी के कारण देश के कई इलाकों में धान की फसल में पानी भरने से नुकसान हुआ है। ऐसे में विशेषज्ञों ने फसल से पानी की निकासी और कीट नियंत्रण करने की सलाह दी है।

Paddy Harvesting: इस साल मानसून में देरी के कारण धान की कटाई (Paddy Harvesting) के बीच ही आफत की बारिश हो गई. इससे कई इलाकों में धान फसलें बिछ गईं तो कुछ इलाकों में धान की फसलों में पानी भरा (Water in Paddy) हुआ है। देश के कई इलाकों से अब धान की फसल में कीट-रोग मंडराने (Paddy Crop Loss) की खबरें भी सामने आ रही हैं। खासकर काला नमक धान (kala Namak Paddy) की प्रजाति में  बारिश के कारण फसल काफी कमजोर हो गई है। अब भीगे हुए धान की कटाई तो नहीं की जा सकती, इसलिये विशेषज्ञों ने धान की जल भरवा वाली फसलों से जल निकासी के साथ-साथ कीट-रोग नियंत्रण (Paddy Crop management) करने की सलाह दी है। इसकी मदद से किसान फसल के गलने या सड़ने से पहले ही बड़े नुकसान से बच सकते हैं।

भूरा फुदका कीट: भूरा फुदका कीट को ब्राउन हॉपर भी कहते हैं, जो पानी भरने के कारण फसल में पनपता है. इसकी रोकथाम के लिये सबसे पहले खेतों से पानी निकाल दें और यूरिया का इस्तेमाल ना करें।

  • ब्राउन हॉपर की रोकथाम के लिये 5% नीम की गुठली का 10 लीटर अर्क से प्रति एकड़ खेतों में छिड़काव करना चाहिए।
  • किसान चाहें तो डाईनोटेफुरान 20 एसजी की 200 ग्राम या 300 ग्राम पाईमेट्रोजिन 50 WG को 150-200 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की फसल पर भी छिड़क सकते हैं।

तना छेदक कीट: धान की पकी-पकाई फसल पर तना छेदक कीट का खतरा मंडरा सकता है। इस कीट के कारण धान के पौधों की आगे और पीछे की बालियां सूख जाती है और उनमें दाने नहीं बनते।

  • इसकी रोकथाम के लिये 20 किग्रा. कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4G को प्रति हेक्टेयर खेत के हिसाब से छिड़क सकते हैं।
  • इसके लिये फिप्रोनिल 0.6% जीआर या क्लोरेन्ट्रियानीलीप्रोल 0.4% जीआर की 10 किलोग्राम मात्रा भी प्रति हेक्टेयर की दर से काफी रहती है।
  • विशेषज्ञों के मुताबिक, 150 मिली. क्लोरेन्ट्रियानीलीप्रोल 18.5 SC या 50 मिली. फ्लूबेंडामाइड 39.35 SS को 150-200 लीटर पानी के साथ प्रति हेक्टेयर फसल पर भी छिड़क सकते हैं।

झोंका रोग: धान में झौंका रोग के कारण धान के पौधों (Paddy Plants) की पत्तियों पर आंख या नाव के आकार के भूरे धब्बे बन जाते हैं। इससे बाली की डलों पर भी भूरा धब्बा (Disease in Paddy Crop)  जमने लगता है और दाने नहीं बन पाते।

  • इसकी रोकथाम के लिये 1 किग्रा. कार्बेंडाजिम को 800-1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर फसल के हिसाब से छिड़काव करें।
  • किसान चाहें तो ट्राइसाइक्लाजोल या हेक्साकोनाजोल की 1 किग्रा. मात्रा को 800-1000 लीटर पानी के साथ भी प्रति हेक्टेयर पर छिड़क (Pesticide in Paddy) सकते हैं।

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स्रोत: abplive