बांग्लादेश की नीतियों की वजह से महाराष्ट्र के किसानों की परेशानी बढ़ रही है। बांग्लादेश ने संतरे पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। इसकी वजह से एक्सपोर्ट कम हो गया है। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। महाराष्ट्र प्रमुख संतरा उत्पादक है। यहां पर बड़े पैमाने पर संतरे की खेती होती है। इसलिए बांग्लादेश की इस नीति की वजह से किसान और व्यापारी दोनों परेशान हैं। बताया गया है कि 88 रुपये प्रति किलोग्राम का भारी आयात शुल्क लगाया गया है। इससे विदर्भ में करीब ढाई लाख टन संतरे खेतों में ही पड़े रहने की आशंका जताई जा रही है। बांग्लादेशी आयात शुल्क और इसके प्रति केंद्र सरकार की उदासीनता ने लाखों संतरा किसानों और व्यापारियों को परेशानी में डाल दिया है।
विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि अगर जल्द ही कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो संतरा किसान बदहाल हो जाएंगे। विदर्भ में संतरे की खूब खेती होती है। इस साल लगभग ढाई लाख टन मीठे, रसीले संतरे बाजार में जाने की बजाय खेतों में ही पड़े रहने की आशंका है। क्योंकि बांग्लादेश ने भारतीय संतरे पर 88 रुपये प्रति किलो का आयात शुल्क लगाया है। इसके चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। बांग्लादेश संतरे पर आयात शुल्क लगातार बढ़ा रहा है। जबकि पिछले कुछ वर्षों से संतरे के लिए बांग्लादेश सबसे महत्वपूर्ण बाजार बन गया था।
किसानों को कैसे होगा नुकसान
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से आयात शुल्क में लगातार बढ़ोतरी के कारण वर्तमान में बांग्लादेश को एक ट्रक में 28 टन संतरे भेजने के लिए 21 लाख रुपये तक आयात शुल्क देना पड़ता है। इसके चलते भारतीय व्यापारियों ने बांग्लादेशी बाजार से पूरी तरह मुंह मोड़ लिया है। किसानों को इसका नुकसान हो रहा है. पिछले कई वर्षों में विदर्भ से बांग्लादेश को संतरे का निर्यात काफी बढ़ गया था। वर्तमान में बांग्लादेश को ढाई लाख टन से अधिक संतरे का निर्यात किया जाता है। लेकिन अब यह संतरा भारतीय बाजार में खपाया जाएगा। जिससे दाम कम हो जाएगा और किसानों को नुकसान होगा।
कैसे बढ़ रहा है आयात शुल्क
2019 - 20 रुपये प्रति किलो
2020 - 30 रुपये प्रति किलो
2021- 51 रुपये प्रति किलो
2022- 63 रुपये प्रति किलो
2023- 88 रुपये प्रति किलो
खेतों में ही छोड़ दे रहे हैं संतरा
आयात शुल्क बढ़ने की वजह से भारतीय संतरे के लिए बांग्लादेश के दरवाजे लगभग बंद हो गए हैं। इस वजह से घरेलू बाजार में संतरे की आपूर्ति बढ़ गई है और कीमतें गिर गई हैं। इस साल19 अगस्त को सीजन शुरू होने पर 62 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत वाला संतरा अब घरेलू बाजार में 25-30 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया है। परिणामस्वरूप, नागपुर और अमरावती जिलों के किसान खासतौर पर परेशान नजर आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि घरेलू बाजार में बेचने पर लागत तक का खर्च भी नहीं निकल रहा है। इसे अच्छा है संतरा ऐसे ही खेतों में पड़ा रहे।