बरसात से मटर की फसल तबाह, दाम भी मिल रहे कम

November 02 2021

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ऊपरी क्षेत्र नौहराधार और हरिपुधार में बरसाती मटर की फसल तैयार होकर बाजार में आ चुकी है। इन क्षेत्रों में इस बार पहले की मुकाबले फसल काफी कम है। ऊपर से दाम भी उतने नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों के अनुसार बरसाती मटर की फसल इस बार सितंबर में अत्यधिक बरसात होने के चलते लगभग 80 फीसदी पहले ही खत्म हो चुकी है। इस समय शेष बची 20 फीसदी फसल बाजार में आना शुरू हो चुकी है। क्षेत्र के किसान मोहनलाल, अशोक, संजय, राजेश, सुरेंद्र, कमलराज आदि ने बताया कि उन्होंने मटर का बीज 250 से 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर बिजाई की थी। मटर की पैदावार भी काफी अच्छी हुई थी, लेकिन सितंबर में लगातार बारिश और धुंध ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। उन्होंने बताया कि शेष बची फसल से तो अब बीज भाड़ा भी पूरा नहीं हो रहा है।

बता दें कि मटर की यह नगदी फसल वर्ष की अंतिम फसल होती है। इससे किसान आगामी सर्दियों के लिए अपने घर की जरूरत की चीजें खरीदते हैं। इस वर्ष तो किसानों को बीज खाद, गोबर, दवाइयों आदि का खर्चा भी जेब से देना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय उत्पादन कम होने के चलते स्थानीय आढ़ती 90 से 95 रुपये प्रति किलो मटर खरीद रहे हैं। गौरतलब है कि क्षेत्र के नौहराधार, संगड़ाह, अंधेरी, देवामानल, घन्दूरी, भराड़ी, चाढना, चोकर, गताधार, डियूडी खडाह, सैलपाब, देवना थनगा आदि क्षेत्रों में करीब 14 सौ हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने मटर की बिजाई की थी। मात्र 60 दिनों के भीतर यह मटर की फसल तैयार हो जाती है और दिवाली से पहले हरा मटर बाजारों में आ जाता है। लेकिन, इस बार नाम मात्र की पैदावार होने से किसानों का दिवाली पर्व का फीका रहने वाला है।

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स्रोत: Amar Ujala