पाले से फसलों का कैसे करें बचाव?

December 06 2021

अक्सर सर्दियों में पाला पड़ने की सम्भावना रहती है। ऐसे में किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है। इस नुकसान से बचने के लिए किसानों को फसलों का खास ख्याल रखना चाहिए, ताकि फसलों को पाले से नुकसान ना हो।

पौधे को ढके

अगर आपको फसलों पर पाला पड़ने की सम्भावना दिख रही है, तो ऐसे में फसलों को टाट, पॉलीथिन अथवा भूसे से ढक दें। इसके अलावा हवा का रुख है, उसके उलटे तरफ से वायुरोधी टाटियां यानि बोरे की टाट बांधकर क्यारियों के किनारों पर लगाएं।

कूड़ा, कचरा का धुआं करें

इसके साथ ही रात के समय में पाला पडऩे की सम्भावना है, तो 12 से 2 बजे के बीच खेतों के किनारे पर बोई हुई फसल के आस-पास मेड़ों पर कूड़ा कचरा या अन्य व्यर्थ घास जलाकर धुआं करें।

कोमल अंकुरित को ढक दें।

छोटे अंकुरित पौधों को उल्टे बाल्टी, फ्लावर पॉट या गीली घास की परत से ढक दें। इस तरह  उनकी खास देखभाल कर सकते हैं। इसे सुबह के समय खुला रखना चाहिए, जब तापमान अधिक हो जाए।

खेत में सिंचाई करें

जब खेत में पाला पड़ने की संभावना लगे, तो आप अपने खेत की सिंचाई कर सकते हैं। ऐसा करने से भी आप अपनी फसल को पाले से बचा सकते हैं। बता दें सिंचाई से तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा। इसके साथ ही फसलों को पाले से नुकसान नहीं होगा। ध्यान रखें कि यह सिंचाई प्रक्रिया जल्दी प्रातःकाल से सूर्योदय तक लगातार करते रहें।

गंधक के तेजाब से करें छिड़काव

अगर पाला पड़ऩे की संभावना है, तो फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें। इस घोल को बनाने के लिए एक लीटर गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में डालकर घोल लें। इसके बाद छिडकाव करें। इस प्रक्रिया को आप 15 दिन के अन्तराल में कर सकते हैं।

बायूरोधक पेड़ लगायें

इसके अलावा खेत के किनारों पर बायूरोधक पेड़ शहतूत, शीशम, बबूल, खेजड़ी अरडू एवं जामुन आदि जैसे पेड़ों को लगाएं। ऐसा करने से पाले और ठंडी हवाओं से फसलों का बचाव होगा।

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स्रोत: Krishi Jagran