पराली नहीं जलाने पर इस राज्य के किसानों को सरकार देगी 2500 रुपए प्रति एकड़, प्रदूषण को कम करना है मकसद

July 29 2022

पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और मिट्टी के नुकसान को रोकने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं. धान कटाई के बाद बड़ी संख्या में पराली जलाने की घटनाएं देखने को मिलती हैं. इस कारण वायु प्रदूषण खतरनाक के स्तर पर पहुंच जाता है. साथ ही, पराली जलाने के कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित होती है. पंजाब के किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए नकद प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है. पराली नहीं जलाने पर पंजाब के किसानों को प्रति एकड़ 2500 रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी.
इस फैसले की जानकारी देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हमने निर्णय लिया है कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाए. इसी को देखते हुए फैसला हुआ है कि पराली नहीं जलाने वाले किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से दिल्ली और पंजाब की सरकार 500-500 रुपए देगी जबकि केंद्र सरकार की तरफ से 1500 रुपए दिए जाएंगे. इस तरह किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 2500 रुपए देने का निर्णय हुआ है.
अनाज खरीद पोर्टल के माध्यम से दिया जाएगा मुआवजा
उन्होंने कहा कि इस संबंध में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने एयर क्वालिटी कमीशन को एक प्रस्ताव भेजा है. किसानों को यह प्रोत्साहन धान की पराली के इन-सीटू प्रबंधन को बढ़ावा देने और दिल्ली और एनसीआर में मुख्य रूप से पराली जलाने के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को काफी हद तक कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
सभी किसानों का विवरण राज्य सरकार के ‘अनाज खारीद’ पोर्टल पर पहले ही अपलोड किया जा चुका है. किसानों से खरीदी गई फसलों का भुगतान भी इसी पोर्टल के माध्यम से दिया जाता है. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार अनाज खरीद पोर्टल के माध्यम से धान की पराली नहीं जलाने और इन-सीटू प्रबंधन के लिए किसानों को यह नकद प्रोत्साहन देगी.
रिमोट सेंसिंग से होगा सत्यापन
पराली नहीं जलाने वाले किसानों के प्रोत्साहन राशि के लिए किए गए दावों की जांच के लिए रिमोट सेंसिंग इमेजरी के साथ-साथ खेतों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. इसके बाद किसानों को खरीद पोर्टल के जरिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह पहली बार है कि किसानों को पराली जलाने से दूर रखने के लिए नकद प्रोत्साहन की पेशकश की जा रही है. धान कटाई के बाद पराली जलाना उस हिस्से में एक प्रमुख पर्यावरणीय समस्या है.
इससे पहले 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर किसान पराली जलाने की जगह उसका इन-सीटू प्रबंधन करते हैं तो उन्हें प्रति क्विंटल के हिसाब से 100 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि प्रोत्साहन राशि में राज्यों की सहायता करने से केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया था. पंजाब में किसानों को एकमात्र सब्सिडी इन-सीटू प्रबंधन मशीनरी खरीदने के लिए दी जाती है. 2018 से लगभग 1145 करोड़ रुपए इस एवज में किसानों को दिए गए हैं.
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स्रोत:tv 9