परंपरागत खेती के साथ आधुनिक खेती से युवाओं को जोड़ा जाएगा

July 22 2021

छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ कृषि युवा छात्रों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें विभिन्न फसलों के प्रसंस्करण और विपणन संबंधी जानकारी दी जाएगी। प्रदेश में संचालित हो रहे कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से कृषि युवाओं को जोड़ा जाएगा। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटील की मानें, तो आने वाला समय आधुनिक खेती का है। ऐस में कृषि की पढ़ाई कर चुके छात्रों को यदि आधुनिक कृषि कार्य से नहीं जोड़ा जाएगा, तो युवा परंपरागत कृषि तक ही सीमित रह जाएगा।

ज्ञात हो कि इसी दिशा में इस वर्ष 20 कृषक उत्पादक कंपनी और 600 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जो प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश में राज्य स्तरीय तकनीकी संस्था कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से संचालित होंगी। वर्चुअल बैठक के माध्यम से आयोजित चर्चा में कुलपति डॉ. पाटील ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया में कोरिया एग्रोप्रोड्यूसर नामक कंपनी बनाई गई है, जो 22 कृषि आधारित उत्पादों का निर्माण, प्रसंस्करण और विपण कर रही है।

573 कृषक सदस्यों वाली इस कंपनी ने इस वर्ष 42 लाख रुपये का व्यवसाय किया है। इन केंद्रों से विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त स्नातकों को जोड़ा जाएगा। उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देकर कृषि उत्पादक और निजी कंपनी तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

पौने तीन करोड़ रुपये की लागत से सेंटर होंगे तैयार

परियोजना के अंतर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर और कृषि विज्ञान केंद्र जगदलपुर में खाद्य प्रसंस्करण के लिए पौने तीन करोड़ रुपये की लागत वाले इन्क्यूबेशन सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे। जहां छोटे व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषक संगठनों एवं स्व-सहायता समूहों को खाद्य प्रसंस्करण संबंधित आवश्यक अधोसंरचनाएं, मशीनरी सहित बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

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स्रोत: Nai Dunia