निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भी ऊंचाई पर गेहूं के दाम, मंडियों में ही MSP से 19 फीसदी अधिक में हो रहा कारोबार

August 19 2022

भारत गेहूं के उत्पादन में दुनिया के शीर्ष देशों में शुमार है. जो दुनिया के देशों को गेहूं का निर्यात करता है. लेकिन, बीते रबी सीजन में भीषण गर्मी की वजह से गेहूं की फसल पर असर पड़ा था. नतीजतन गेहूं का उत्पादन कम हुआ था. ऐसे में केंद्र सरकार ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. केंद्र सरकार ने गेहूं की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. उम्मीद की जा रही थी कि केंद्र सरकार के इस फैसले से गेहूं के दाम स्थिर रहेंगे. लेकिन, उम्मीद से इतर निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भी देश में गेहूं के दाम नई ऊंचाईयों पर नजर आ रहे हैं. आलम यह है कि देश की प्रमुख मंडियों में ही MSP से 19 फीसदी दाम में गेहूं का काराेबार हो रहा है.
2400 रुपये क्विंटल तक चल रहा है गेहूं का दाम
निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद गेहूं के दामों में बढ़ोतरी को लेकर अंग्रेजी अखबार फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. जिसके मुताबिकमध्य प्रदेश की सबसे बड़ी मंडियों में से एक सीहोर में गेहूं की कीमतें मौजूदा समय में2400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं. जबकि राजस्थान की चित्तौड़गढ़ मंडी में गेहूं की कीमतें 2,300 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं.
असल में बीते रबी सीजन के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का MSP 2,015 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था. इस तरह गेहूं के दामों में यह बढ़ोतरी MSP से लगभग 14 से 19 फीसदी तक है. वहीं रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में दिल्ली में आटा मिल मालिक करीब 2,350-2,400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीद रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी मई के मध्य में सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और सूजी (रवा आटा या सूजी) और परिष्कृत आटा (मैदा) सहित गेहूं से बने सभी प्रकार के आटे पर हाल ही में लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद है.
त्यौहारी सीजन की वजह से बढ़े गेहूं के दाम
रिपोर्ट में उद्योग के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि त्योहारी सीजन की वजह से कीमतों में यह बढ़ोतरी हुई है. माना जा रहा है कि आने वाले समय के त्यौहारी सीजन के करीब आते-आते गेहूं के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं रिपोर्ट में ” गुजरात आटा मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश शराफ के हवाले से कहा गया है कि “अप्रैल में ताजा गेहूं की फसल आने तक गेहूं की कीमतें अधिक रहने की संभावना है, क्योंकि कई व्यापारियों, जिनके पास अभी भी स्टॉक है, ने ज्यादातर मध्य प्रदेश से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीदने का खर्च उठाया है.
3 फीसदी कम हुआ गेहूं का उत्पादन
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन के कमी 3 फीसदी की कमी आई है. जो 109 मिलियन मीट्रिक टन से घटकर 106 मिलियन मीट्रिक टन रह गया है. वहीं अमेरिकी कृषि विभाग के विदेश कृषि सेवा ने भारत के गेहूं उत्पादन 99 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है. वहीं इस बीच प्रतिबंध के बावजूदचालू वित्त वर्ष में भारत ने लगभग 3.5 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया है. भारत ने वित्त वर्ष 2012 में 2 बिलियन डॉलर मूल्य के 7 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया, जबकि वित्त वर्ष 2011 में केवल 2.1 मिलियन डॉलर का मूल्य 0.55 बिलियन डॉलर था.
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स्रोत:tv 9