नहीं हो रहा बकाया भुगतान: किसानों की जेब खाली...कैसे मनाएं दिवाली

November 03 2021

अमरोहा जिले के गन्ना किसानों की दिवाली इस बार फीकी रहेगी। चीनी मिलों ने अब तक उनके बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया है। अभी चीनी मिलों पर किसानों का 19 करोड़ रुपया बकाया है। इसके चलते किसान आर्थिक तंगी में जूझ रहे हैं। इसे लेकर किसान संगठनों में नाराजगी है। उन्होंने दिवाली के बाद आंदोलन की चेतावनी दी है।

शासन की ओर से गन्ना तौल के 14 दिनों के अंदर भुगतान करने के निर्देश हैं। इसके बावजूद पेराई सत्र समाप्त हुए छह माह से ज्यादा समय बीत गया है। बावजूद इसके चीनी मिलों ने बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया है। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर किसान संगठन लगातार धरना-प्रदर्शन करते हैं। कई बार किसान नेताओं को प्रशासनिक अफसरों के बीच वार्ता हुई। इसके बावजूद चीनी मिलें बकाया भुगतान को लेकर गंभीर नहीं हैं।

जिले में 94 हजार से अधिक हेक्टेयर में गन्ने की फसल खड़ी है। कुल 1.60 लाख किसानों जिले की तीन और गैर जनपदों की नौ चीनी मिलों ने गन्ना डालते हैं। पिछले सत्र में चीनी मिलों ने कुल 475 लाख क्विंटल गन्ने की खरीदारी की थी। जिले में तीन चीनी मिलें स्थित हैं। केवल एक चीनी मिल ने गन्ने भुगतान नहीं किया है। किसानों का चीनी मिलों पर 19 करोड़ रुपये से अधिक की उधारी है। दिवाली की खुशियों में हर कोई सराबोर है, लेकिन जिले के हजारों किसानों के परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। सरकार और प्रशासन की तमाम सख्तियों के बावजूद चीनी मिल प्रबंधन भुगतान करने को तैयार नहीं है। ऐसे में किसानों की जेब खाली है...फिर कैसे दिवाली बनाएं।

बोले, किसान

गन्ने का बकाया नहीं मिलने से दिक्कत हो रही है कई बार समिति कार्यालय का चक्कर काट चुके हैं लेकिन केवल आश्वासन मिल रहा है समझ नहीं आ रहा है त्योहार कैसे मनाए। प्रमोद नागर, तरौली

चीनी मिल में पेराई बंद हुए छह महीने से अधिक समय हो गया है लेकिन भुगतान नहीं किया गया है। गन्ने का भुगतान नहीं मिलने से आर्थिक तंगी हो रही है। दुकानों से उधारी पर सामान तक नहीं मिल रहे। -चंद्रशेखर, भदौरा 

कुछ दिन पहले गन्ना समिति कार्यालय में गया था वहां पर बताया गया कि भुगतान हो जाएगा लेकिन दिवाली आ गई है। बैंक अकाउंट में रुपये नहीं आए हैं गन्ने का अपना रुपये नहीं मिल रहा है। -सुरेंद्र गुर्जर, जेवड़ा

पिछले वर्ष का भुगतान नहीं हुआ है लोगों से कर्ज लेकर काम निपटाया था दिवाली के पहले रुपये मिलने का भरोसा मिला था लेकिन अब तक रुपये नहीं आए दिवाली कैसे मनेगी। कोई हम लोगों को समझने वाला नहीं है। -किसान अरुण कपासिया

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स्रोत: Amar Ujala