नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना में कृषि विवि का लहराया परचम

July 17 2021

छत्तीसगढ़ ने कृषि विकास के क्षेत्र में एक बार फिर अपना परचम फहराया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्विद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया को भारत सरकार द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र के रूप में पुरस्कृत किया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया को छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के प्रभावी क्रियान्वयन और कृषकों में उद्यमिता विकास के लिए सम्मानित किया गया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 93वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कृषि भवन नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया को कृषि विज्ञान केंद्र पिपराकोठी, बिहार, कृषि विज्ञान केंद्र कलबुर्गी, कर्नाटक और कृषि विज्ञान केंद्र धार, मध्यप्रदेश के साथ देश भर में संचालित 722 कृषि विज्ञान केंद्रों में सर्वश्रेष्ठ कृषि विज्ञान केंद्र के रूप में कृषि विज्ञान राष्ट्रीय प्रोत्साहन पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया।

इस अवसर पर केंद्रीय पशुधन विकास मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, उपमहानिदेशक डॉ. एके सिंह उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ शासन की कृषि उत्पादन आयुक्त एम. गीता, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जबलपुर के निदेशक डॉ. एसआरके सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटिल एवं निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एससी मुखर्जी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रंजीत सिंह राजपूत ने यह पुरस्कार वर्चुअल माध्यम से ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों को चौथी बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। इसके पूर्व कृषि विज्ञान केंद्र बस्तर, कृषि विज्ञान केंद्र दंतेवाड़ा और कृषि विज्ञान केंद्र कांकेर को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।

इसलिए मिला सम्मान

कृषि विज्ञान केंद्र, कोरिया को यह सम्मान छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के प्रभावी क्रियान्वयन, कृषकों को संगठित कर किसान उत्पादक संगठन (कोरिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड) की स्थापना, जिले में 55 एकड़ में गौठान ग्रामों में चारागाह विकास कार्यक्रम, नवोन्मेषी कृषि, उद्यानिकी एवं संबंधित गतिविधियों में सिंदूर हर्बल पावडर, लेमनग्रास चायपत्ती, शकरकंद आटा, हल्दी, नीलगिरी एवं सौंफ की पत्तियों व टहनियों से सगंध तेल निष्कासन एवं गौठान ग्रामों में सौंफ की खेती का सफल प्रदर्शन, शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आदिवासी कृषकों का समूह बनाकर मधुमक्खी पालन एवं दलहन तथा तिलहन फसलों की उन्नत प्रजातियों का कल्स्टर प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न फसलों के प्रसंस्करण एवं विपणन आदि नवोन्मेषी कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदान किया गया है।

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स्रोत: Nai Dunia