धान की नई क‍िस्म जारी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी देगी 64 क्व‍िंटल तक उत्पादन

May 25 2023

इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट और काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने देश के क‍िसानों के ल‍िए धान की नई क‍िस्म जारी की है, ज‍िसका नाम मालवीय मनीला सिंचित धान -1 है। धान की इस किस्म को विकसित करने में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्रवण कुमार सिंह को 15 साल लग गए। धान की इस किस्म की सबसे बड़ी खास बात है यह 115 दिन में तैयार हो जाती है। वहीं सूखाग्रस्त क्षेत्र में भी यह भरपूर उत्पादन देने वाली किस्म हैं। धान की इस किस्म का प्रति हेक्टेयर 64 क्विंटल तक इसका उत्पादन है, जो किसी भी  पतले चावल के लिए काफी बेहतर माना गया है। धान की इस किस्म का प्रति हेक्टेयर 64 क्विंटल तक इसका उत्पादन है, जो किसी भी  पतले चावल के लिए काफी बेहतर माना गया है। यह दो सिंचाई में भी भरपूर उत्पादन देने वाली किस्म है। देश के उत्तर प्रदेश की नहीं बल्कि बिहार और उड़ीसा के लिए भी धान की यह किस्म उपयुक्त पाई गई है। बासमती जैसी दिखने वाली धान की इस किस्म का प्रति हेक्टेयर में उत्पादन  55 से 64 क्व‍िंटल तक है।वहीं मिलिंग के बाद खड़ा चावल निकालने का प्रतिशत भी इस धान में 63.50% है, जो किसी भी महीन चावल के मुकाबले काफी ज्यादा है। धान की नई किस्म को विकसित करने वाले वैज्ञानिक प्रोफेसर श्रवण कुमार सिंह ने बताया मई 2024 तक किसानों के लिए मालवीय मनीला सिंचित धान1 किस्म के बीज को उपलब्ध किया जा सकेगा। अभी इसके बीज के प्रोडक्शन की तैयारी की जा रही है, किसानों को भी धान की इस किस्म का खूब इंतजार है।

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स्रोत: किसान तक