देश में गेहूं का स्टॉक हुआ आधा, खाने-पीने की चीजें हो सकती हैं महंगी

November 15 2022

आने वाले दिनों में गेहूं और इससे बनने वाले प्रोडक्ट्स की कीमतो में इजाफा हो सकता है, क्योंकि सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक पिछले एक साल के मुकाबले आधा रह गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में राज्य के गोदामों में गेहूं का स्टॉक कुल 21 मिलियन टन था, जो 1 नवंबर 2021 को 42 मिलियन टन से कम था. लेकिन सरकार ने 31 दिसंबर को समाप्त होने वाली तिमाही के लिए 20.5 मिलियन टन के आधिकारिक लक्ष्य था, जिससे थोड़ा अधिक है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अक्टूबर को सरकार द्वारा संचालित अन्न भंडार में गेहूं का भंडार 22.7 मिलियन टन था. तब केंद्र सरकार ने खुदरा बाजार को नियंत्रित करने के लिए गेहूं रिलीज किया था. ऐसे भी सरकार आटा और बिस्कुट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों के लिए नियमित रूप से गेहूं रिलीज करती रहती है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि यही वजह है कि सरकारी गेहूं स्टॉक में कमी आई है.
बता दें कि बीते मई महीने में केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. तब से गेहूं की कीमत 27 फीसदी तक बढ़ चुकी है. वहीं, केंद्र सरकार का मानना है कि गेहूं की नई फसल आने पर स्टॉक में इजाफा होगा और कीमत में कुछ हद तक कमी आएगी.
109.59 मिलियन टन के स्तर पर वापस आ सकता है
वहीं, उत्पादकों और व्यापारियों का कहना है कि अगले साल की शुरुआत में नए सीजन की फसल के बाजार में आने तक भारतीय गेहूं की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है. यदि मौसम की स्थिति अनुकूल रहती है और मार्च और अप्रैल की फसल के दौरान तापमान में असामान्य रूप से वृद्धि नहीं होती है, तो भारत का गेहूं उत्पादन 2021 के 109.59 मिलियन टन के स्तर पर वापस आ सकता है.
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स्रोत:tv 9