देश में इस समय 150 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध

August 28 2023

केंद्रीय रसायन और उर्वरक, डॉ. मनसुख मांडविया ने आज यहां देश में उर्वरकों के इस्तेमाल व उनकी उपलब्धता पर राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बातचीत की। बैठक के दौरान, उन्होंने नैनो-यूरिया, नैनो-डीएपी और वैकल्पिक उर्वरकों को मैदानी स्तर पर प्रोत्साहन देने की प्रगति तथा इस सिलसिले में राज्यों द्वारा की गई पहलों का जायजा लिया। बातचीत की शुरूआत में ही डॉ. मांडविया ने सभी राज्यों को सूचित कर दिया था कि देश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है और इस समय 150 लाख मीट्रिक टन उर्वरक मौजूद है। यह भंडारण न सिर्फ मौजूदा खरीफ मौसम में काम आयेगा, बल्कि आने वाले रबी के मौसम में भी उसकी उपलब्धता सुनिश्चित रहेगी।

मांडविया ने मिट्टी की उर्वरकता बचाने के लिये रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा इस्तेमाल से बचने की जरूरत को उजागर किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम प्रणाम योजना के रूप में इस दिशा में पहले ही कदम उठा लिये हैं। इन प्रयासों में धीरे-धीरे घुलने वाली सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड), नैनो-यूरिया, नैनो-डीएपी आदि के इस्तेमाल को भी शुरू किया जाना शामिल है। देशभर में पीएमकेएसके पहल पर चर्चा की गई, जो किसानों की सभी जरूरतों को एक ही स्थान पर पूरा करने के लिये ‘वन-स्टॉप-शॉप’ के रूप में काम करेगी। उन्होंने राज्यों के कृषि मंत्रियों और राज्य सरकारों से कहा  कि वे नियमित रूप से इन पीएमकेएसके का दौरा करें तथा किसानों को जागरूक करें।

यूरिया के  गैर-कृषि कामों में इस्तेमाल पर सख़्त कार्यवाही 

डॉ. मांडविया ने राज्यों को कहा  कि खेती के लिये उपयोगी यूरिया गैर-कृषि कामों में इस्तेमाल न होने दें। राज्य  इस सिलसिले में जागरूकता अभियान चलायें, ताकि कृषि यूरिया को अन्यत्र स्थानांतरित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। याद रहे कि इस मामले में केंद्र सरकार के उर्वरक उड़न दस्ते और विभिन्न कृषि विभागों, राज्य सरकारों ने संयुक्त निरीक्षण किया था, तथा गड़बड़ी करने वाली यूरिया संयंत्रों के खिलाफ 45 एफआईआर की गई थीं। इसके अलावा, 32 मिक्सचर संयंत्रों के लाइसेंस रद्द किये गये और 79 मिक्सचर संयंत्रों से उर्वरक के सारे अधिकार छीन लिये गये। इन सबके खिलाफ चोर बाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की गई। राज्य सरकारों ने भी ऐसी अपराधियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाने की वकालत की। बैठक में विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों, राज्य सरकारों के अफसरों और उर्वरक विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: कृषक जगत