दलहनी फसल में पीला मोजेक रोग की दस्तक

August 05 2021

क्षेत्र में सोयाबीन सहित विभिन्ना खरीफ फसलें लहलहा रही है, लेकिन कुछ जगहों पर दलहनी फसलें पीली पड़ने लगी है। दरअसल, यह पीला मोजेक रोग की दस्तक है। कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को रोग व रोकथाम के उपायों के बारे में सलाह दी है।

जिले में इस बार दो लाख 85 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन सहित अन्य खरीफ फसलों की बुआई हुई है। जून के अंतिम दिनों तक अधिकांश किसानों ने बुआई कर दी थी, लेकिन इसके बाद बारिश की खेंच ऐसी हुई कि किसानों को फसलों को लेकर चिंता सताने लगी। बारिश के लिए पूजा-प्रार्थना का दौर चल पड़ा। लेकिन जुलाई के अंतिम दिनों में बारिश का दौर चला। इसके बाद फसलों को लेकर किसानों ने राहत की सांस ली। कई किसान जो बुआई नहीं कर सके थे उनमें से भी अधिकांश किसानों ने कुछ दिनों पहले दलहन आदि की बुआई कर दी। वर्तमान में रिमझिम बारिश का दौर कुछ दिनों से चल रहा है। फसलों की सेहत ठीक दिख रही है। वर्तमान में फसलें खेतों लहलहा रही है, लेकिन कुछ जगहों पर सोयाबीन सहित दलहनी फसलों में पीलापन दिखाई देने लगा है।

सफेद मच्छर से फैलता है पीला मोजेक रोग

कृषि वैज्ञानिक डा. मुकेशसिंह ने बताया कि सोयाबीन, मूंग, उड़द में पीला मोजेक नामक बीमारी की समस्या कहीं-कहीं देखने को मिल रही है। यदि किसानों के खेतों में फसल पीली पड़ती दिखाई देती है तो तुरंत उसका उपचार करें। डा. सिंह ने बताया कि यह बीमारी सफेद मच्छर द्वारा फैलती है, जो फसल पर बैठकर उस फसल का रस चूसता है। इसकी वजह से फसलों में पीला मोजेक की समस्या पड़ जाती है। उसके बाद यह बीमारी पौधे से पौधे में भी हवा के माध्यम से फैलती जाती है। यदि किसी किसान के खेत में थोड़े से पौधे भी यदि पीले हैं दो-चार दिन में वह बीमारी संपूर्ण खेत में फैल जाती है।

नियंत्रण के उपाय

कृषि वैज्ञानिक डा. सिंह ने बताया कि बीमारी पर नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल की पांच एमएल मात्रा प्रति पंप के मान से खेत में छिड़काव करें इसके अलावा फिप्रोनिल 40 प्रतिशत प्लस इमिडाक्लोप्रिड 40 प्रतिशत की मात्रा भी बाजार में उपलब्ध है इसका भी किसान भाई छिड़काव कर सकते हैं।

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स्रोत: Nai Dunia