डीजल सब्सिडी के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं बिहार के किसान, प्रति एकड़ मिलेंगे इतने रुपए

July 30 2022

बिहार के किसान मॉनसून की बेरुखी से परेशान हैं. उन्हें खरीफ फसलों की बुवाई के लिए ट्यूबवेल का सहारा लेना पड़ रहा है. इस वजह से धान की खेती में आने वाली लागत कई गुना बढ़ गई है. बारिश नहीं होने से पूरे प्रदेश में हाल-बेहाल है और धान की खेती पिछड़ गई है. ट्यूबवेल चलाने से किसानों पर पड़ रहे बोझ को देखते हुए बिहार सरकार मदद को आगे आई है. प्रदेश के किसानों को डीजल सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. किसान डीजल सब्सिडी के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं.
बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस साल 1 जून से 28 जुलाई तक राज्य में औसत से 41 प्रतिशत और 01 जुलाई से 28 जुलाई तक औसत से 66 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसका असर खरीफ फसलों की खेती पर भी पड़ा है. राज्य में अभी तक मात्र 45 प्रतिशत रकबे में ही धान की खेती हो पाई है जबकि जुलाई का महीना बस खत्म ही होने को है.
प्रति एकड़ 600 रुपए मिलेगी डीजल सब्सिडी
उन्होंने कहा कि काफी कम बारिश के कारण सुखाड़ जैसे स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार किसानों की हर संभव मदद करने की कोशिश कर रही है. कृषि फीडर से 16 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जा रही है. कृषि मंत्री ने किसानों से बिजली आपूर्ति का लाभ लेते हुए बोई गई खरीफ फसलों को बचाने की अपील की.
उन्होंने कहा कि संभावित सुखाड़ की स्थिति में किसानों को हरसंभव सहायता कृषि विभाग की तरफ से करने का प्रयास किया जा रहा है. खरीफ सीजन 2022 में बेहद कम बारिश के कारण सुखाड़ जैसी स्थिति को देखते हुए खरीफ फसलों को डीजल चालित पंपसेट से सिंचाई करने के लिए सरकार किसानों को ‘डीजल अनुदान योजना’ लेकर आई है. इसके तहत प्रति लीटर 60 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. किसानों को प्रति एकड़ 600 रुपए डीजल सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है.
ऑनलाइन पंजीकृत किसान को ही मिलेगा लाभ
कृषि विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, धान का बिचड़ा (पौध) और जूट फसल की अधिकत्तम 2 सिंचाई के लिए 1200 रुपए प्रति एकड़, खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहन, तिलहन, मौसमी सब्जी, औषधीय और सुगंधित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 1800 रुपए प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी दी जाएगी. प्रति किसान अधिकतम 08 एकड़ के लिए डीजल अनुदान दिया जाएगा.
अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वैसे किसान जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं (गैर-रैयत), वो भी सरकार की डीजल अनुदान योजना का लाभ ले सकते है. उन्हें प्रमाणित/सत्यापित करने के लिए संबंधित वार्ड सदस्य और कृषि समन्वयक के द्वारा पहचान की जाएगी. सत्यापित करते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि वास्तविक खेती करने वाले जोतदार को ही सब्सिडी का लाभ मिले. इस योजना का लाभ ऑनलाईन पंजीकृत किसानों को ही दिया जाएगा.
डीजल खरीद रसीद की होगी जरूरत
उन्होंने कहा कि केवल वैसे ही किसान इस योजना के तहत आवेदन करें, जो वास्तव में डीजल का उपयोग कर सिंचाई कर रहे हैं. डीजल अधिकृत पेट्रोल पंप से डीजल खरीद के बाद पावती रसीद (डिजिटल वाउचर), जिसमें किसानों का 13 अंकों का पंजीकरण संख्या अंकित हो, वहीं मान्य होगा. खरीदे गए डीजल का इस्तेमाल सिंचाई के लिए ही किया गया है कि नहीं, इसकी जांच संबंधित कृषि समन्वयक द्वारा किया जाएगा. 30 अक्टूबर 2022 तक सिंचाई के लिए खरीदे गए डीजल पर ही सब्सिडी दी जाएगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि इसके साथ अल्पवधि के वैकल्पिक फसलों की बीजों की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार की तरफ से 30 करोड़ रुपए की आकस्मिक फसल योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके अंतर्गत अल्पावधि धान, कुछ दलहन और सब्जी के बीज का वितरण कर जिन रकबों में बुवाई नहीं हुई है, उन्हें कवर करने की कोशिश की जाएगी.
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स्रोत:tv 9