प्रदेश में अब डीएपी उर्वरक का तीन चौथाई यानी 75 % वितरण सहकारी क्षेत्र से होगा, जबकि शेष एक हिस्से अर्थात 25 % डीएपी उर्वरक का वितरण निजी क्षेत्र से होगा। इस आशय का आदेश कृषि विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी किया गया है, जो आगामी आदेश तक तत्काल प्रभावशील होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश मार्कफेड के प्रस्ताव पर संचालक कृषि द्वारा अपर मुख्य सचिव सह उत्पादन आयुक्त की सहमति और प्रशासकीय अनुमोदन होने के बाद ही यह आदेश जारी किया गया है। इससे किसानों को खरीफ सीजन में डीएपी उर्वरक अपने गांव की सहकारी समिति से ही निर्धारित मूल्य पर मिल जाएगा।
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स्रोत: Krishak Jagat