गेहूं की इन प्रजातियों का बाल भी बांका नहीं कर पाएगी लू और भयंकर गर्मी

June 09 2022

जलवायु परिवर्तन की वजह से कई देशों में गेहूं उत्पादन (Wheat Production) कम हो गया है. उत्तर भारत भी इस साल इसकी चपेट में रहा है. अच्छी फसल के बावजूद मार्च में जरूरत से अधिक गर्मी और लू ने गेहूं के उत्पादन को कम कर दिया. इसकी वजह से मार्केट में इसका दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर हो गया. लेकिन, अगले साल ऐसी नौबत न आए इसे लेकर सरकार और वैज्ञानिकों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए ज्यादा गर्मी और लू सहने वाली गेहूं की किस्मों (Heat tolerant Wheat Varieties) पर फोकस किया जाएगा. जल्दी तैयार होने वाली किस्मों पर भी जोर होगा. ताकि ज्यादा गर्मी के बावजूद उत्पादन पर असर न पड़े.
इस साल लू से खासतौर पर हरियाणा, पंजाब और यूपी में गेहूं की पैदावार में कमी आई है. उसकी क्वालिटी भी खराब हो गई है. अब तक एमएसपी पर बिकने वाले गेहूं में सूखे और टूटे हुए अनाजों की सिर्फ 6 फीसदी मात्रा होती थी, लेकिन अब सरकार ने इसमें वृद्धि करके 18 परसेंट कर दिया है. सरकार ने कहा है कि मौसम की स्थिति किसानों (Farmers) के नियंत्रण से बाहर है इसलिए, ऐसी प्राकृतिक घटना के लिए उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए.
किस जोन के लिए कौन सी प्रजाति का गेहूं
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पंजाब (Punjab), हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजन छोड़कर), पश्चिम यूपी (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू, कठुआ, हिमाचल प्रदेश की पोंटा वैली, ऊना जिला और उत्तराखंड के टिहरी रीजन के लिए गेहूं की 25 किस्मों की बुवाई की सलाह दी गई है जो लू का सामना कर सकती हैं. ये क्षेत्र नार्थ वेस्टर्न प्लेन जोन में आते हैं.
इनमें डीबीडब्ल्यू-327, डीबीडब्ल्यू 332, डीबीडब्ल्यू 303, डीबीडब्ल्यू 187, डब्ल्यूएच 1270, डीबीडब्ल्यू-222, एचडी-3226, पीबीडब्ल्यू-723, एचडी-3086, जेकेडब्ल्यू-261, एचडी-3298, एचआई 1621, एचडी-3271, पीबीडब्ल्यू 757, डीबीडब्ल्यू 173, डीबीडब्ल्यू 90, डब्ल्यूएच 1124, डीबीडब्ल्यू 71, एचडी-3059, डीबीडब्ल्यू-296, एचयूडब्ल्यू 838, एचआई-1628, एनआईएडब्ल्यू 3170, एचडी 3237, एचआई-1620.
पूर्वी यूपी और बिहार के लिए कौन सी किस्म
नार्थ ईस्टर्न प्लेन जोन में आने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदान के लिए गेहूं की 18 किस्में अच्छी बताई गई हैं. इनमें डीबीडब्ल्यू 222 , एचडी 3249 , डीबीडब्ल्यू 187, एनडब्ल्यू 5054 , के 1006 , डीबीडब्ल्यू 39 , राज 4120, के 307, एचडी 2824 , एचआई 1621, एचडी 3271, डीबीडब्ल्यू 107 , एचडी 3118, एचडी 3293, डीबीडब्ल्यू 252, एचआई 1612, के 1317, एचडी 3171.
कितना कम हुआ है गेहूं उत्पादन
रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के दौरान 1113 लाख मिट्रिक टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया गया था. लेकिन गर्मियों की शुरुआत (मार्च 2022 के अंत तक) लू की वजह से पंजाब और हरियाणा में अनाज की बनावट में परिवर्तन हो गया. गेहूं सूख गया. जिससे उपज में गिरावट आ गई. इसके बाद सरकार ने 1064 लाख मिट्रिक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया.
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स्रोत : Tv 9