गेहूं और सरसों की इन किस्मों से बढ़ेगी उत्पादन, जानें कहां से मिलेगा इनका बीज?

October 21 2021

रबी सीजन की फसलों की बुवाई का समय आ गया है। इस दौरान किसान अपने खेतों में गेहूं, सरसों, जौ, चना, मसूर, अलसी और मटर की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. अगर रबी सीजन की मुख्य फसल की बात करें, तो वह गेहूं हैं।

वैसे भी इस बार सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी में 40 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया है। इसके बाद गेहूं का एमएसपी 2,015 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है, इसलिए भी अधिकतर किसान गेहूं की खेती की तरफ रूख कर रहे हैं, लेकिन हर फसल का अच्छा और अधिक उत्पादान बीज पर टिका होता है।

अगर बीज अच्छी क्वालिटी का है, तो किसानों को फसल की पैदावार भी दमदार मिलती है। इसी क्रम में मेरठ के मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए गेहूं की कुछ अच्छी किस्मों की संतुति की गई है। इससे किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी इसके अलावा  एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा गेहूं के बीजों की बिक्री की भी व्यवस्था की गई है।

1 नवंबर से होगी बीज की बिक्री

ऐसा माना जा रहा है कि कृषि विश्वविद्यालय के बीज विक्रय केंद्र पर 1 नवंबर से गेहूं बीज की बिक्री की जाएगी। इस केंद्रों पर गेहूं के साथ सरसों का बीज भी बेचा जाएगा। इन बीज केंद्रों पर गेहूं और सरसों का आधारीय बीज प्राप्त होगा। इसके अलावा गेहूं का फाउंडेशन बीज DBW 187, DBW 222, HD 3226, DBW 173, DBW 71, DBW 99, WB 02 और PBW 226 खरीदा जा सकता है। अगर सरसों के फाउंडेशन बीज की बात करें, तो पूसा विजय (काली सरसों) और एनआरसीवाईएस-0502 (पीली सरसों) उपलब्ध होगा।

गेहूं और सरसों बीज की कीमत

अगर गेहूं की बात करें, तो इसकी नई किस्में DBW 187, DBW 222 और HD 3226 का फाउंडेशन बीज की 50 रुपए किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा। अन्य किस्मों DBW 173, DBW 71, DBW 90, WB 02 और PBW 226 के फाउंडेशन बीज की बात करें, तो इनकी कीमत 45 रुपए प्रति किलोग्राम तय की गई है। इसके अलावा काली सरसों का बीज 80 रुपए किलोग्राम और पीली सरसों का बीज 85 रुपए किलोग्राम खरीदा जा सकता है।

जानकारी के लिए बता दें कि आधार बीज प्रजनक बीज से तैयार किया जाता है। यह बीज प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख में तैयार होता है। इसके साथ ही निश्चित पैरामीटर पर प्रमाणित किया जाता है। इनकी थैलियों पर सफेद रंग का टैग भी लगा होता है, जिस पर संस्था के अधिकारी के हस्ताक्षर रहते हैं।

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स्रोत: Krishi Jagran