गेहूं, आटे की कीमतों को स्थिर करने के लिए ओएमएसएस गेहूं के तहत बोली की मात्रा बढ़ी

October 28 2023

सरकार ने शुक्रवार को गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों को अधिक स्थिर करने के लिए एक नवंबर से केंद्रीय पूल से दिए जाने वाले गेहूं के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बोली की मात्रा बढ़ाकर 200 टन कर दी।

घरेलू बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए, आटा मिलर्स और छोटे व्यापारियों जैसे थोक खरीदार ई-नीलामी में 200 टन के लिए बोली लगा सकेंगे, जबकि फिलहाल ओएमएसएस के तहत यह मात्रा 100 टन है।

बयान में कहा गया है कि देश में प्रत्येक ई-नीलामी में पेश की जाने वाली कुल मात्रा भी दो लाख टन से बढ़ाकर तीन लाख टन कर दी गई है। बोली मात्रा में वृद्धि का उद्देश्य खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता को बढ़ाना और गेहूं की कीमतों को स्थिर करना है।

सरकारी उपक्रम एफसीआई इन वस्तुओं की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से 28 जून से ओएमएसएस के तहत आटा मिलर्स और छोटे व्यापारियों जैसे थोक खरीदारों को केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल बेच रही है। 26 अक्टूबर को ई-नीलामी के 18वें दौर में 2,318 सफल बोलीदाताओं को लगभग 1.92 लाख टन गेहूं बेचा गया।

देश भर के 444 डिपो से लगभग 2.01 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए पेश किया गया था। ई-नीलामी में 2,763 सूचीबद्ध खरीदारों ने भाग लिया। मंत्रालय ने कहा कि स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए कारोबारियों को ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है। खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से गेहूं बेच रही है।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है। 
स्रोत: दिप्रिंट