केंद्र ने राइस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को चावल के दाम घटाने को कहा

December 21 2023

प्याज के बाद अब केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतों को कम करने को लेकर बड़ा कदम उठाया हैं। सरकार ने राइस इंडस्ट्री एसोसिएशन को तत्काल प्रभाव से चावल की खुदरा कीमतों को उचित स्तर पर लाने का निर्देश दिया हैं। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा ने गैर-बासमती चावल के घरेलू मूल्य परिदृश्य की समीक्षा करने के लिए, चावल प्रसंस्करण उद्योग के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक बुलाई।

बैठक में कहा कि इस बार खरीफ की अच्छी फसल होने, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास पर्याप्त भंडार होने और चावल के निर्यात के बारे में विभिन्न नियमों के बावजूद चावल के घरेलू मूल्य बढ़ रहे हैं। चावल उद्योग को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि घरेलू बाजार में कीमतों को उचित स्तर पर लाया जाए और मुनाफाखोरी के प्रयासों से कड़ाई से निपटा जाए। चावल की वार्षिक मुद्रास्फीति दर पिछले दो वर्षों से 12 प्रतिशत के आसपास चल रही है और पिछले कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हो रही है जो चिंता का कारण है।

चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो

बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा हुई कि कम कीमतों का लाभ अंतिम उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचाया जाना चाहिए। प्रमुख चावल उद्योग संघों को परामर्श दिया गया कि वे अपने संघ के सदस्यों के साथ इस मुद्दे को उठाएं और सुनिश्चित करें कि चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो। ऐसी खबरें हैं कि थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा प्राप्त लाभ के अंतर में भारी वृद्धि हुई है, जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, यह सुझाव दिया गया कि जहां अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) और वास्तविक खुदरा मूल्य के बीच व्यापक अंतर मौजूद है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इसे वास्तविक स्तर पर लाने की आवश्यकता है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चावल प्रसंस्करण उद्योग को सूचित किया कि अच्छी गुणवत्ता वाले चावल का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है जिसे खुला बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के अंतर्गत 29 रुपये प्रति किलोग्राम के आरक्षित मूल्य पर प्रदान किया जा रहा है। यह भी सुझाव दिया गया कि निर्माता/व्यापारी खुला बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से चावल उठाने पर विचार कर सकते हैं जिसे उपभोक्ताओं को उचित लाभ के अंतर के साथ बेचा जा सकता है।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में चावल के मूल्यों पर बारीकी से निगरानी करता है और समीक्षा करता है और जब भी चावल जो आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, की सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, कदम उठाता है। ऐसे में भारतीय उपभोक्ता आने वाले दिनों में चावल के लिए कम कीमत चुकाने की आशा कर सकते है।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है। 
स्रोत: कृषक जगत