कृषि में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 800 क्लाइमेट रेजिलिएंट किस्मों पर टिकी उम्मीद

October 28 2023

बढ़ते तापमान के कारण खेती में संसाधनों की जरूरत और खपत बढ़ी है। इसे देखते हुए ग्लोबल साउथ के देशों को ऐसे कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ा है, जिनसे कृषि क्षेत्र इस भीषण चुनौती से निपटने में सक्षम हो सके।

यद्यपि पर्यावरण की बदलती परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रभावी ब्लूप्रिंट तैयार किए गए हैं, लेकिन मौसम के पैटर्न में तेजी से बदलाव ने फसल चक्र को पलट दिया है। इससे किसानों की पैदावार और आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

भारतीय कृषि क्षेत्र भी इन बदलावों से अछूता नहीं है। यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वीकार किया है कि यह सेक्टर सप्लाई चेन में बाधा से लेकर जलवायु परिवर्तन तक कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने जलवायु पैटर्न में बदलाव का सामना करने के लिए 800 से अधिक क्लाइमेट रेजिलिएंट किस्में विकसित की हैं। हालांकि केवल किस्में विकसित करना ही पर्याप्त नहीं है। इस संबंध में अधिक जागरूकता पैदा करने और इनकी आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित पक्षों को साथ आने की जरूरत है।

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स्रोत: कृषक जगत