किसानों के लिए बड़ी राहत-जारी होंगे 4,88,625 नए कृषि कनेक्शन, आसानी से होगी खेतों की सिंचाई

July 14 2022

जल संकट से जूझ रहे राजस्थान के किसानों के लिए राहत की बात है. अब जल्दी ही उन्हें खेती के लिए बिजली कनेक्शन मिल सकेगा. जिससे वो आसानी से खेतों की सिंचाई कर पाएंगे. जल्द ही यहां 4,88,625 नए व लंबित कृषि कनेक्शन जारी किए जाएंगे. इस बात की जानकारी खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति के साथ-साथ किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. यह कनेक्शन अगले दो साल में जारी कर दिए जाएंगे. किसानों को राहत देने के लिए सूबे में पहले से ही मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना चलाई जा रही है. जिसके तहत मीटर्ड किसान उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर प्रतिमाह 1000 रुपये की छूट दी जा रही है. ताकि किसानों पर बोझ न पड़े.
गहलोत मुख्यमंत्री आवास पर ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. सीएम ने अधिकारियों को युद्धस्तर पर कृषि कनेक्शन जारी करने के साथ-साथ गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने के निर्देश दिए. दरअसल, राजस्थान की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 26 फीसदी है. इसलिए सरकार कृषि क्षेत्र पर फोकस कर रही है.
दो चरणों में जारी होंगे कनेक्शन
थम चरण (2022-23) के लिए 2,31,344 कृषि कनेक्शन जारी होंगे. इसी तरह दूसरे चरण में (2023-24) के दौरान 2,58,625 नए कृषि कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रथम चरण में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 71207, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 90137 तथा अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को 70,000 कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य दिया गया है.
किसानों के लिए क्या कर रही सरकार?
राजस्थान सरकार कृषि क्षेत्र के लिए अलग बिजली वितरण कंपनी बनाने का प्लान कर रही है. उम्मीद है कि इससे किसानों को पूरी बिजली मिलेगी. कृषि क्षेत्र में बिजली संबंधित समस्याओं का निपटारा आसान होगा. यहां कृषि उपभोक्ताओं को 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाती है. यहां के 12.66 लाख किसानों को बिजली बिल पर 291.54 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है. करीब सात लाख किसानों का बिजली बिल जीरो हो गया है. ऐसा सरकार का दावा है.
लिग्नाईट के उपयोग पर होगा सर्वे
फिलहाल, सीएम गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार बिजली वितरण के साथ-साथ उत्पादन पर भी ध्यान दे रही है. पूरे राजस्थान में बिजली के नए ग्रिड, लाइनें तथा सब-स्टेशन विकसित कर इसके नेटवर्क को मजबूत बनाया जा रहा है. कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए नए विकल्प खोजे जा रहे हैं. जिसमें लिग्नाईट का उपयोग सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. प्रदेश में लिग्नाईट की भरमार है. उन्होंने लिग्नाईट को दीर्घकालिक समाधान के रूप में देखने और इसके उपयोग के लिए अधिकारियों को सर्वे करवाने के निर्देश दिए.
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स्रोत: Tv9