किसान 24 मार्च तक करा सकेंगे समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन

March 23 2023

समर्थन मूल्य MSP पर गेहूं की खरीद हेतु पंजीयन 

अधिक से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP का लाभ मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में एक बार फिर से गेहूं के पंजीकरण के लिए पोर्टल खोल दिया है। सरकार ने यह निर्णय अभी प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों को हुए नुकसान से राहत देने के लिए लिया है। सरकार ने कहा है कि 22 से 24 मार्च तक पंजीयन पोर्टल को पुन: खोला जाएगा। इस निर्णय से शेष रह गए किसान अपना पंजीयन करा सकेंगे। इससे पूर्व में रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिये किसानों का पंजीयन करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी निर्धारित की गई थी, जिसे 5 मार्च 2023 तक आगे बढ़ाया गया था। इस दौरान राज्य में इस वर्ष उपार्जन के लिये करीब 15 लाख किसान पंजीयन करवा चुके हैं। जो पिछले वर्ष हुए पंजीयन की तुलना में तीन चौथाई पंजीयन हैं।

किसान MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करें

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ़लाइन पंजीयन की व्यवस्था रखी है। जिसमें किसान स्वयं मोबाइल द्वारा एमपी किसान एप पर, ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, जनपद पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र पर, पूर्व वर्षों की भाँति सहकारी समिति/ विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीकृत केंद्र पर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क पर, कामन सर्विस सेंटर पर, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफ़े पर एवं लोकसेवा केंद्र पर शुल्क देकर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं। 

गेहूं पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

ऐसे किसान जिन्होंने पिछले रबी/खरीफ मौसम में पंजीयन कराया था उन किसानों को रबी विपणन वर्ष 2023-24 में पंजीयन हेतु दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। पंजीयन में परिवर्तन/ संशोधन की आवश्यकता होने पर दस्तावेज प्रमाण स्वरूप पंजीयन केंद्र पर लाने होंगे एवं बैंक खाता परिवर्तन की दशा में बैंक पासबुक की छायाप्रति साथ में लानी होगी। सभी किसानों को आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते की छाया प्रति उपलब्ध करानी होगी।

वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को वन पट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध करानी होगी। अनुबंध की एक प्रति तहसील कार्यालय में जमा करानी होगी। ऐसे किसानों को समिति/विपणन संस्था द्वारा संचालित केंद्रों पर पंजीयन कराना होगा। पंजीयन में भूमि का रकबा एवं बोई गई फसल की जानकारी राजस्व अभिलेख (खसरा) से ली जाएगी। सहमत न होने पर गिरदावरी में दावा/ आपत्ति का प्रावधान उपलब्ध होगा।

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: किसान समाधान