किस खेत में कौन सी फसल, पटवारी करेंगे पड़ताल

July 27 2021

अन्न्दाता किसानों की अग्नि परीक्षा होने वाली है। कृषि, उद्यानिकी और राजस्व विभाग की टीम मौके पर जाकर पड़ताल करेगी कि किस खेत में किसान ने धान की फसल ली है और किस-किस खेत में दलहन और तिलहन की फसल लेने की तैयारी की जा रही है। मौके पर पहुंचे राजस्व विभाग द्वारा धान की खड़ी फसल की अपने मोबाइल में फोटो खीचेंगे और राज्य शासन के पोर्टल में अपडेट करेंगे। राज्य शासन ने खरीफ सीजन में धान के अलावा दलहन और तिलहन की फसलों की जानकारी रखने के लिए एक अगस्त से प्रदेशभर में गिरदावरी का कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया है। इसमें राजस्व के अलावा उद्यानिकी, कृषि व पंचायत के अधिकारियों की टीम बनाई गई है।

टीम के सदस्य अपने प्रभार वाले गांव में जाएंगे और किसानों से संपर्क कर सीधे खेत पहुंचेंगे। जिन खेतों में किसानों ने धान की फसल ली है सबसे पहले राजस्व विभाग की टीम उसकी पड़ताल करेगी। खेत में खड़े धान के पौधों की अपने मोबाइल के जरिए फोटो खीचेंगे और राज्य शासन के पोर्टल में मौके से ही अपडेट करेंगे। फोटो अपलोड करते वक्त किसान का नाम, धान की किस्म का भी जिक्र करना होगा।

धान बेचने के लिए पटवारी रिपोर्ट अहम

समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को गिरदावरी के दौरान पटवारी द्वारा बनाई जाने वाली सबसे अहम रहेगी। पटवारी प्रमाणित करेंगे कि किस किसान ने अपने कितने एकड़ में धान की फसल ली है और कितने एकड़ में दलहन और तिलहन की खेती की है। पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की समितियों में धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन होगा। पंजीयन के दौरान धान बोनी वाले रकबा का विशषतौर पर जिक्र करना होगा।

वर्ष 2018 से शुरू हुई पड़ताल

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रति क्विंटल 2500 स्र्पये समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार ने धान की खरीदी प्रारंभ की। राज्य शासन ने फर्जी खरीदी और कोचियों की दखल को रोकने के लिए गिरदावरी प्रारंभ करने का निर्देश दिया। वर्ष 2018 से एक बार फिर राजस्व विभाग द्वारा किसानों के खेत में जाकर धान फसल वाले रकबों की पड़ताल प्रारंभ की गई है।

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स्रोत: Nai Dunia