म.प्र. शासन ने रबी 2021-22 के लिए प्रमाणित बीजों एवं जैविक बीजों की उपार्जन, विक्रय एवं अनुदान दरें निर्धारित कर दी हैं। इस वर्ष कृषकों को गेहूं बीज 4050 रुपए प्रति क्विंटल मिलेगा। बीज दरों का निर्धारण कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गत दिनों हुई बीज निर्धारण समिति की बैठक में लिया गया। निर्णय के मुताबिक इस वर्ष गेहूं, मोटा अनाज (जौ) एवं दलहनी फसलों के प्रमाणित बीज 10 वर्ष तक अवधि की समस्त किस्मों पर तथा 10 वर्ष से अधिक अवधि की किस्मों पर अलग-अलग अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही तिलहनी फसलों की 15 वर्ष तक अवधि की समस्त किस्मों पर अनुदान दिया जाएगा।
क्या है दर
जानकारी के मुताबिक रबी 2021-22 में किसान को गेहूं बीज 4050 रु. क्विंटल मिलेगा, गेहूं की ऊँची जाति 10 वर्ष तक की अवधि पर 1000 रुपये एवं 10 वर्ष से अधिक अवधि पर 100 प्रति क्विंटल एनएफएसएम (गेहूं) योजना के तहत अनुदान दिया जायेगा। यही अनुदान गेहूं की बौनी जाति पर भी मिलेगा। गेहूं बीज की उपार्जन दर 2450 रु. प्रति क्विंटल तय की गई है। प्रदेश में चने का बीज 7700 रु. क्विंटल मिलेगा, जिस पर 3300 रु. अनुदान दिया जाएगा। मटर बीज 5350 रु. क्विंटल मिलेगा। जौ पर इस वर्ष 1575 रु. प्रति क्विं. अनुदान मिलेगा। जबकि कृषकों को जौ का बीज 10 वर्ष तक की अवधि का 3500 रु. क्विंटल मिलेगा।
कैसे मिलेगा अनुदान
इस वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से अनुदान मिलेगा। जो अलग-अलग फसल किस्मों पर अलग-अलग होगा। सहकारी संस्थाएं किसानों को जो नगद बीज प्रदाय करेंगी उसका इंद्राज किसानों की बही खाता या ऋण पुस्तिका में करना अनिवार्य होगा। संस्थाएं उपलब्ध प्रमाणित बीज का 30 फीसदी नगद में बेच सकेंगी। किसानों को निगम एवं संस्थाओं द्वारा वितरण किए जाने वाले बीज पर अनुदान का भुगतान उपसंचालक कृषि द्वारा सीधे खाते में किया जाएगा।
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स्रोत: Krishak Jagat