इंडोनेशिया ने तेल प्रोडक्ट्स के लिए जारी किया निर्यात परमिट, भारत में घट जाएंगे दाम!

June 04 2022

खाद्य तेलों की महंगाई से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. पाम ऑयल के एक्सपोर्ट (Palm Oil Export) पर लगी रोक हटाने के बाद इंडोनेशिया ने 3 जून तक कुल 275,454 टन तेल उत्पादों के लिए निर्यात परमिट जारी किया है. इतना पाम तेल भारतीय बाजार में पहुंचने के बाद रेट में कमी आने का अनुमान है. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर इस खेप की सप्लाई आने के बाद देश में 10 किलो खाद्य तेल का थोक दाम (Edible Oil Price) 1420 रुपये हो जाएगा, जो अभी 1480 रुपये है. इंडोनेशिया ने खाद्य तेल की घरेलू कीमतों को कंट्रोल में लाने के लिए 28 अप्रैल को पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद मार्केट में 1570 रुपये तक का भाव चल रहा था.
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव में आकर इंडोनेशिया को 23 मई से पाम ऑयल एक्सपोर्ट पर लगी रोक को हटाना पड़ा था. उधर, केंद्र सरकार ने भी लोगों को खाद्य तेलों की महंगाई से राहत दिलाने के लिए कई कदम उठाए हैं. जिसका जल्द ही बाजार में असर दिखाई देने का अनुमान है. एनसीडीईएक्स पर सरसों तेल (Mustard Oil) में वायदा कारोबार को सस्पेंड कर दिया गया है और स्टॉक की सीमा लगा दी गई है. मूंगफली, सरसों और सोयाबीन फसलों के घरेलू उत्पादन में इजाफा हुआ है. इससे भी खाद्य तेलों के दाम में कमी का अनुमान है.
सरकार ने क्या-क्या किया?
केंद्र सरकार का दावा है कि पिछले एक साल से खाद्य तेल की कीमतों में हो रही लगातार वृद्धि को रोकने के लिए कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर बेसिक ड्यूटी 2.5 फीसदी से घटाकर जीरो कर दी गई है. इन तेलों पर लगने वाले एग्रीकल्चर सेस को 5 परसेंट कर दिया गया है. इसी तरह रिफाइंड सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर बेसिक ड्यूटी 32.5 फीसदी से कम करके सिर्फ 17.5 फीसदी कर दी गई है. दूसरी ओर, रिफाइंड पाम ऑयल पर बेसिक ड्यूटी 17.5 परसेंट से कम करके 12.5 फीसदी कर दी गई है. वहीं, सरकार ने रिफाइंड पाम तेल के मुक्त आयात को 31 दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है.
साथ ही खाद्य तेल और तिलहन पर 31 दिसंबर 2022 तक स्टॉक सीमा लगाई गई है. खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए जीरो इंपोर्ट ड्यूटी पर 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात की छूट दी है. सरकार का दावा है कि यह कदम खाद्य तेलों की बढ़ती घरेलू कीमतों, घरेलू मांग में औसत बढ़ोतरी और वैश्विक पाम तेल की उपलब्धता में अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है
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स्रोत : tv9