आम से खास लोगों तक पहुंचने लगे मोटे अनाज (Millets)

December 30 2022

मिलेट उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है, उसके बाद अमेरिका और नाइजीरिया का नाम आता है. मिलेट के महत्व को देखते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ से 2023 को मिलेट वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव दिया था. भारत के इस प्रस्ताव को दुनिया के 72 देशों का समर्थन मिला और 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया गया.
जलवायु के मुश्किल हालातों में भी इसे उगाना आसान है. यही वजह है कि देश-दुनिया अब मोटे अनाजों में भविष्य देख रही है ,इसी तर्ज पर भारत में मिलेट्स को लेकर कई बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं.
लोगों को खानपान में मोटे अनाजों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी संदर्भ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को बताया कि खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान सात राज्यों में 30 नवंबर 2022 तक कुल 13 लाख टन से ज्यादा मोटे अनाज की खरीद की गई है.
विश्व की तुलना में देखें तो भारत मोटे अनाजों के उत्पादन में बहुत आगे है. इसका लाभ किसानों को भी मिल रहा है क्योंकि सरकार ने मिलेट्स की खरीद को खास महत्व दिया है. पिछले साल का डाटा बताता है कि भारत में 142.93 हेक्टेयर क्षेत्र में 156.12 लाख टन मोटे अनाजों का उत्पादन हुआ. प्रति हेक्टेयर खेत में 1092 किलो मोटे अनाज उगाए गए. इसकी तुलना में सूडान में 107 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती हुई और 56.39 लाख टन का उत्पादन हुआ.