आधा जुलाई बीत जाने के बाद भी पिछले साल से काफी कम है धान का रकबा, दलहन और तिलहन का बढ़ा है क्षेत्र

July 15 2022

15 जुलाई 2022 तक खरीफ फसलों की बुवाई की प्रगति रिपोर्ट जारी की गई है. इसके मुताबिक, पिछले साल समान अवधि में धान का रकबा 155.53 लाख हेक्टेयर था जो इस बार 128.50 लाख हेक्टेयर है. रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार धान का रकबा 27.03 लाख हेक्टेयर क्षेत्र घटा है. असामान्य बारिश के कारण इस बार ऐशा स्थिति देखने को मिल रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार समते कई राज्यों में धान की रोपाई के लिए जुलाई के महीने में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. किसान अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
दलहन का रकबा बढ़ा, लेकिन अरहर में आई कमी
अगर दलहन फसलों की बात करें तो इस खरीफ सीजन में इनके रकबे में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. हालांकि अरहर का रकबा घटा है. उड़द और मूंग के बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है. कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो पता चलता है कि 15 जुलाई तक इस बार 72.66 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन की खेती हुई है. पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 66.69 लाख हेक्टेयर था. अरहर के रकबे में 5.76 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज हुई है, जबकि उड़द के रकबे में 2.76 और मूंग के रकबे में 4.34 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
मोटे अनाज में बाजरा के रकबे में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है. यह पिछले साल के 20.88 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार 34.46 लाख हेक्टेयर में बोया गया है. वहीं मोटे अनाज के कुल रकबे की बात करें तो पिछले साल के 87.06 के मुकाबले इस बार किसानों ने 93.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की है. प्रमुख फसल मक्का के रकबे में इस बार 6.78 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज हुई है.
सोयाबीन और कपास की खेती पर जोर
तिलहन फसलों की बात करें तो किसानों ने इस बार सोयाबीन पर सबसे अधिक ध्यान दिया है और इसके रकबे में 9.03 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. पिछले साल के 124.83 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार तिलहन का कुल रकबा 134.04 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसमें कुल 9.21 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है. वहीं मूंगफली के रकबे में मामूली कमी है.
पिछले साल मिले अच्छे भाव से उत्साहित किसानों ने कपास की खेती पर विशेष ध्यान दिया है. कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार कपास का रकबा पिछले साल के 96.58 के मुकाबले 6.22 लाख हेक्टेयर बढ़कर क्षेत्रफल 102.80 लाख हेक्टेयर हो गया है. वहीं गन्ना के क्षेत्रफल में पिछले साल के मुकाबले मामूली कमी देखी गई है.
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स्रोत: Tv9