पिछले दो दिनों से राजधानी सहित सटे आसपास के गांवों में बरसात होने से किसानों के चेहर पर खुशी देखी जा रही है। बरसात का इंतजार कर रहे किसानों के लिए यह अच्छी बरसात है,जिससे किसान खरीफ सीजन की खेती में जुट गए है। वहीं अभनपूर टोकरो के किसान लखन लाल साहू की माने तो इसी तरह से बारिश होती रहे तो मौसम आधारित खेती करने वाले किसानों की चिंता कम हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ अभनपुर, चटौद, बैहार आदि क्षेत्रों में किसान सुबह से दोपहर तक खेती कार्य में जुट गए है।
खेतों में धान रोपाई कार्य तेजी से चल रहा है।वे खेती में किसी से पीछे रहना नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि किसान अपने स्वजनों के साथ खेती कार्य में लगे हुए हैं। ऐसे में बेहतर मानसून होने से फसल पिछड़ने को लेकर किसानों की चिंताए कम होती नजर आ रही है।ज्ञात होकि राजधानी से सटे अभनपुर, धमतरी, तिल्दा, आरंग आदि ब्लाक में अच्छे हेक्टेयर में धान की फसल ली जाती है।
रायपुर के 80 फीसद हिस्से में होती है धान की खेती
प्रदेश की राजधानी रायपुर से सटे आसपास के ब्लाकों में किसान कुल रकबे के लगभग 80 फीसद हिस्से में धान की खेती करते है, लेकिन बनते बिगड़ते मौसम ने अन्नदाताओं की सांस फुला दी थी, अच्छी बारिश की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को सिर्फ बूंदाबांदी रास नहीं आ रही है, क्याेकि रोपाई व बुआई कर चुके धान की फसल को पानी की जरूरत है। ऐसे में अच्छी बरसात नहीं होने से खेतों की नमी का स्तर लगातार गिरने लगे थे, जिसका सीधा असर धान की फसल को प्रभावित करेगा। इससे अच्छी पैदावार की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को काफी नुकसान होगा।
खेतों में बढ़ी नमी
बारिश नहीं होने एक तरफ जहां खेत की पूरी नमी प्रभावित हो रही थी, वहीं अच्छी बारिश होने से तरह से नमी बढ गई है। गढ्डे वाले खेतों में पानी भर गया है। आरंग के किसान आेमप्रकाश सेन, रामनाथ सिंह, नवल सिंह आदि किसानों का कहना है कि धान रोपाई के कार्य में इस वर्ष थोड़ी विलंब हुआ लेकिन अब इसमें रफ्तार पकड़ लेगी। यदि मानसून इसी तरह साथ देता रहा, तो इस वर्ष अच्छी खेती होगी। वर्तमान में लगभग 70 फीसद धान की रोपनी हुई है।
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स्रोत: Nai Dunia