हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि खट्टर सरकार ने किसानों के जोखिम की पूर्ति के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) को खरीफ 2016 से पूरे प्रदेश में शुरू करवाया है. इसमें बाजरा, धान, कपास, मक्का, गेंहू, चना, जों, सरसों एवं सूरजमुखी फसलों को कवर किया गया है. इसके तक 50.37 लाख किसानों को रजिस्टर्ड किया गया है. जिसमें से 12.09 लाख किसानों को 2546.96 करोड़ रुपये बीमा राशि के रूप में दिए गए हैं. जबकि उन्होंने प्रीमियम के रूप में 825.69 करोड़ रुपये दिए थे.
आपदा से नुकसान का रिकॉर्ड मुआवजा
दलाल ने बताया कि राज्य सरकार ने 2014-15 से अब तक आपदा प्रबंधन (disaster management) के तहत किसानों को 2764.93 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया. जबकि पिछली सरकार के दौरान 2005 से 14 तक इस मद में मात्र 827.01 करोड़ दिए गए थे.
बिजली पर सब्सिडी
उन्होंने बताया कि किसानों (Farmers) को विभिन्न योजनाओं के तहत वर्ष 2019-20 में बिजली पर 6856.02 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई, जबकि कांग्रेस के समय में वर्ष 2013-14 के दौरान यह राशि 4853.40 करोड़ रुपये थी.
‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना है क्या?
कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए शुरू की गई ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ पर टिप्पणी की है. उनकी इस प्रकार की बयानबाजी केवल उनके राजनीतिक अपरिपक्वता और संदिग्ध मंशा का परिचय देती है. सरकार ने एक लाख हेक्टेयर में धान के स्थान पर मक्का, बाजरा, दलहन की फसल की खेती करने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. इसमें धान की खेती छोड़ने पर किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
बागवानी के लिए 10,000 हेक्टेयर आरक्षित
यह योजना फतेहाबाद जिले का रतिया, कैथल जिले का सिवान और गुहला, कुरुक्षेत्र जिले के पिपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा जिले के सिरसा खंड में शुरू की गई है, जहां भू-जल स्तर 40 मीटर से ज्यादा नीचे है. पिछले वर्ष इन 8 खंडों में धान का कुल क्षेत्र 2 लाख 6 हजार हेक्टेयर था. इस बार 50 प्रतिशत क्षेत्र अर्थात 1 लाख 3 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की खेती होगी. इसमें से 10,000 हेक्टेयर क्षेत्र बागवानी फसलों की खेती के लिए आरक्षित रखा गया है. बागवानी को बढ़ावा देने के लिए बागवानी फसलों के बीजों पर सब्सिडी दी जाएगी.
कृषि विभाग (agriculture department) ने उच्च उत्पादकता वाले मक्का हाइब्रिड बीज की कंपनियां सूचीबद्ध करेगा. किसान उनसे बीज खरीद सकेंगे. केवल उन कंपनियों को ही अनुमति दी जाएगी, जिनके बीजों की उत्पादन क्षमता प्रति एकड़ में 25 क्विंटल से अधिक होगी. इसके लिए कंपनियों द्वारा हर खंड में डेमोस्ट्रेशन फार्म तैयार किए जाएंगे.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी