प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगेगा लगाम, विदेश से 2500 टन पहुंचा भारत, 3000 टन रास्ते में

November 08 2019

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को प्याज की कीमतें प्रति किलो 80 से 100 रुपए तक पहुंचने के एक दिन बाद ही राहत मिलने की उम्मीद जागी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बताया था कि प्याज आपूर्ति जल्द ही विदेश से आरंभ होने वाली है, जिसके बाद कीमतें नियंत्रण में रहेंगी। इस आयात की पहली खेप भारत पहुंच गई है। कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 2,500 टन पहले भारतीय बंदरगाहों पर 80 कंटेनर में पहुंच चुका है, जिसमें से 70 कंटेनर मिस्र से और 10 कंटेनकर नीदरलैंड से हैं। अन्य 3,000 टन 100 कंटेनरों से हाई सी के जरिए आ रहे हैं, जिसे भारतीय बंदरगाहों की तरफ लाया जा रहा है।

अनियमित बारिश की वजह से हुई प्याज की आपूर्ति प्रभावित

प्याज की आपूर्ति में कमी आई है, ऐसा अनियमित बारिश की वजह से हुआ है, जिससे इस साल 30 से 40 फीसदी उत्पादन प्रभावित हुआ है। प्याज की कीमतें 100 रुपए प्रति किलो के पार हो गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने घोषणा की थी कि सरकार प्याज के आयात व इस प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए सहायता करेगी और दूसरी देशों से शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इसे प्राप्त करने के लिए कृषि मंत्रालय ने फाइटोसैनेटरी व फ्यूमिगेशन की जरूरतों को उदार बनाया है। अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की व ईरान में भारतीय मिशनों को भारत को प्याज की आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने को कहा गया है।

फिलहाल मांग के मुकाबले आपूर्ति कम है

दिल्ली के साथ प्याज खाने वाले देश के सभी भागों में प्याज के दाम में तेजी चल रही है। पासवान ने बताया कि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उन्होंने प्याज के दाम की समीक्षा की है। प्याज के उत्पाद एवं आपूर्ति के बारे में भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि प्याज के उत्पादन में 30-40 फीसदी की कमी के कारण प्याज के दाम में तेजी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि किसी वस्तु की कीमत उसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है और फिलहाल मांग के मुकाबले आपूर्ति कम है। उन्होंने बताया कि मॉनसून में देरी से खरीफ सीजन के लिए प्याज की बुवाई बाद में की गई। वहीं कई राज्यों में बाढ़ की वजह से फसल खराब हो गई।

 

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स्रोत: मनी भास्कर