हरियाणा में दुग्ध उत्पादन वृद्धि से किसानों की आय बढ़ी

July 13 2021

देश के दुग्ध उत्पादकों में अधिक दूध उत्पादन के लिए हरियाणा की मुर्रा भैंस और हरियाणा गाय प्रसिद्ध है। इसी के चलते भारत के कुल दूध उत्पादन में 5.5 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाला हरियाणा का किसान श्वेत क्रांति की नई कहानी लिख रहा है। प्रदेश सरकार की नस्ल सुधार योजना के योगदान से श्वेत क्रांति के चलते पिछले दो दशकों में दूध उत्पादन में ढाई गुना वृद्धि हुई है। हरियाणा के वर्तमान वार्षिक दूध उत्पादन 117.34 लाख टन में 82 प्रतिशत भैंस, 17 प्रतिशत गाय और 1 प्रतिशत बकरी के दूध की भागीदारी है। सरकारी सूत्र बताते हैं कि यही नहीं प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता जो 2016-17 में 930 ग्राम प्रति व्यक्ति थी वह आज बढकर 1344 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है।

हरियाणा सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मंत्री श्री जे. पी. दलाल ने बताया कि दूध उत्पादन में वृद्धि के पीछे प्रदेश सरकार की नस्ल सुधार योजना का बड़ा योगदान है। कृत्रिम गर्भाधान तकनीक से दूध उत्पादन में प्रदेश लगातार समृद्ध हो रहा है ।

शासन के प्रवक्ता के अनुसार कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा गाय व भैसों में नस्ल सुधार व दुग्ध उत्पादन वृद्धि हेतू चलाई गई है। इस स्कीम के अन्तर्गत उत्तम नस्ल के सांडो का वीर्य लेकर गाय व भैंसों को कृत्रिम विधि से गर्भित किया जाता है जिसके कारण नस्ल सुधार व दुग्ध उत्पादन को बढावा मिला है। उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा गांवों में स्थित डिस्पेंसरी और घर पर जाकर भी दी जा रही है। किसान अधिक से अधिक इस तकनीक का लाभ उठाकर अपनी आय को और बढ़ा सकते है। इस कारण पशुपालक भी इस तकनीक में काफी रुचि ले रहे है, यही कारण है कि गायों में लगभग 100 प्रतिशत और भैंसों में 50 से 60 प्रतिशत कृत्रिम गर्भाधान तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इस आंकड़े को शत-प्रतिशत करना ही हमारा लक्ष्य है।

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स्रोत: Krishak Jagat