केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गत दिनों लोकसभा में बताया कि सरकार शहद और मधुमक्खी छत्ते के अन्य उत्पाद प्रसंस्करण इकाईयों व सयंत्र के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये प्रति यूनिट अधिकतम परियोजना लागत की सहायता देती है। जबकि परियोजना या यूनिट की कुल लागत 5 करोड़ है। श्री तोमर लोकसभा में सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि एनबीएचएम का मुख्य उद्देश्य आय और रोजगार सृजन हेतु मधुमक्खी पालन उद्योग के समग्र विकास के लिए वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना, कृषि और गैर-कृषि परिवारों को आजीविका सहायता प्रदान करना है।
शहद उत्पादन में प्रौद्योगिकी कार्यकलापों और मधुमक्खी कालोनियों के रोगों की रोकथाम के लिए एनबीएचएम के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने व प्रचार के लिए नई वैश्विक प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने और मधुमक्खी रोग निदान प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए सहायता दी जाती है।
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स्रोत: Krishak Jagat