आत्मा जिला इंदौर द्वारा पशु चिकित्सा महाविद्यालय, महू में गत दिनों पशु पालन का एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें जिले के करीब 55 किसानों के अलावा पशु चिकित्सा महाविद्यालय के वैज्ञानिक और आत्मा योजना के अधिकारी/ कर्मचारी शामिल हुए।
परियोजना संचालक आत्मा श्रीमती शर्ली थॉमस ने किसानों को आत्मा योजना से संबंधित जानकारी दी। डॉ. दानवीर सिंह यादव ने किसानों को पशुशाला का भ्रमण कराया और बताया कि पशुओं का बांधकर रखने के बजाय खुला बाड़ा पद्धति में रखने पर 10-20 प्रतिशत दूध का उत्पादन बढ़ता है। बाड़े में पशुओं को पूंछ से पूंछ विधि में रखने पर बीमारियां फैलने का खतरा कम रहता है। आपने पशुओं के संतुलित आहार की भी जानकारी दी।
डॉ. एच. के. मेहता ने पशुओं में लगने वाले रोग,उनका इलाज और टीकाकरण के बारे में बताया। डॉ. संदीप नानावटी ने पशु खरीदने से पहले दूध का औसत निकलने की विधि बताते हुए कहा कि पशु का तीन टाइम का दूध निकालकर उसमें 2 का गुणा करें और 3 से भाग करें। इससे पूरे दिन का औसत दूध उत्पादन निकल जाएगा। डॉ. माहौर ने पशुओं में रिपीट ब्रीडिंग का कारण और समाधान बताए और किसानों के सवालों का समाधान भी किया।
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स्रोत: Krishak Jagat