पराली प्रबंधन के लिए इस साल पंजाब में बांटी जाएंगी 56000 मशीनें

September 12 2022

खरीफ सीजन में लगाए गए था धान की कटाई के बाद पंजाब में खेतों में ही पराली को जला दिया जाता है, इसके कारण दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है, हालांकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इस प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए किसानों से पराली का उचित प्रबंधन करने की अपील करते हैं और इसे जलाने के लिए मना करते हैं. अब एक बार फिर धान की कटाई का मौसम आने वाला है.
ऐसे में पंजाब के कृषि एवं कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि राज्य सरकार आगामी धान की कटाई के मौसम में पराली जलाने को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी. लुधियाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्री कुलदीप सिह धारीवाल ने कहा कि कृषि विभाग इस सीजन में पराली प्रबंधन के लिए 56,000 मशीनों का वितरण करेना. कार्बन प्रबंधन के तहत मशीने वितरीत की जाएंगी.
किसानों को दिए जाएंगे आधुनिक उपकरण
नई मशीनों का वितरण करने के लिए साथ ही कुल संख्या बढ़ जाएंगी. क्योंकि 2018-2022 तक 90,422 मशीनें पहले ही किसानों को दी जा चुकी हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक धालीवाल ने इस वर्ष मशीन वितरण में एक नए विकास की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब छोटे किसानों को सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, जीरो ड्रिल जैसी मशीनें भी मिलेंगी क्योंकि ऐसे 500 उपकरण राज्य के 154 प्रखंडों में भेजे जाएंगे.
किसानों को पराली प्रबंधन के लिए किया जाएगा जागरुक
उन्होंने कहा कि 15 सितंबर के बाद से स्वयं सहित कृषि विभाग के निदेशक स्तर के अधिकारी से कर्मचारी तक खेतों में रहेंगे और पराली जलाने के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए घर-घर जाकर दौरा करेंगे. मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में पंजाब के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें ग्रामीण विकास और पंचायत के अधिकारी, पर्यावरण विभाग, गैर सरकारी संगठन और स्कूलों और कॉलेजों के छात्र शामिल होंगे, ताकि किसानों को इन-मशीनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. फसल अवशेष प्रबंधन के तहत पराली का बेहतर प्रबंधन किया जा सके.