पंजाब में किसानों की कर्जमाफी पर बड़ा खुलासा, 338 करोड़ अब तक नहीं बंटे

November 21 2019

पंजाब सरकार छोटे व मझोले किसानों की कर्ज माफी के लिए जो पैसा बैंकों को दिया था, उसमें से 338 करोड़ रुपये की राशि आज तक बांटी ही नहीं जा सकी। यह खुलासा मंगलवार को स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) पंजाब की तिमाही समीक्षा बैठक में हुआ। अब राज्य सरकार ने बैंकर्स से रोकी गई राशि को एक हफ्ते में सरकारी खजाने में जमा कराने को कहा है।

एसएलबीसी की बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य के सरकारी बैंकों ने 338 करोड़ रुपये में से 212 करोड़ रुपये अभी तक अपने पास ही रखे हुए हैं जबकि 126 करोड़ रुपये की राशि पंजाब सरकार को लौटा दी है। बैंकों ने 212 करोड़ रुपये की जो राशि अपने पास रखी हुई है, वह किसान कर्ज माफी योजना के तहत उन किसानों के हिस्से की है जिनके सही पते के अलावा अन्य दस्तावेजी पहचान नहीं हो सकी है। इस तरह के किसानों की संख्या 10,637 है। इनके खातों में 212 करोड़ रुपये की रकम कर्ज माफी के एवज में जमा की जानी थी, जो आज तक जमा नहीं हो सकी है। 

बैंकर्स का कहना है कि किसानों की पहचान सिद्ध होने के इंतजार में ही बैंकों ने इस राशि को रोके रखा है। दूसरी ओर, कर्ज माफी योजना के पात्र 6,336 किसान ऐसे भी हैं जिनके बैंकों में खाते ही नहीं हैं या बैंक खाते बंद हो चुके हैं। ऐसे किसानों को कर्ज माफी के एवज में 126 करोड़ रुपये दिए जाने थे। इस राशि को राज्य सरकार को लौटा दिया गया है।

फिलहाल एसएलबीसी की ओर से यह साफ नहीं किया गया है कि राज्य में कौन-कौन से बैंक के पास किसान कर्ज माफी संबंधी राशि शेष है। अब राज्य सरकार ने बाकी 212 करोड़ रुपये बैंकर्स से वापस मांग लिए हैं। इस बैठक में पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और प्रिंसिपल सचिव (वित्त) अनिरुद्ध तिवारी भी मौजूद थे।

 

इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।

स्रोत: अमर उजाला