देश के 62 किसान संगठनों की संस्था राष्ट्रीय किसान महासंघ (Rashtriya kisan mahasangh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों (Farmers) के लिए यूनिक किसान आईडी (Unique farmer ID) यानी पहचान पत्र बनाने की मांग की है. महासंघ के संस्थापक सदस्य बिनोद आनंद ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा, इस कार्ड में एक चिप लगाई जाए जिसमें किसान की जमीन, उसके बैंक खाते, आधार कार्ड और पैन कार्ड की पूरी जानकारी हो.
केंद्र सरकार की क्या है योजना?
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम और अन्य योजनाओं के डेटा को राज्यों द्वारा बनाए जा रहे भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस से जोड़ने की योजना है. इस डेटाबेस के आधार पर किसानों का आईडी कार्ड बनाया जा सकता है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि केंद्र सरकार राज्यों के परामर्श से एक संयुक्त किसान डेटाबेस बनाने की प्रक्रिया में है. पहले चरण में पीएम-किसान योजना के तहत रजिस्टर्ड करीब 10 करोड़ किसानों को इसमें कवर किया जाना है.
कौन कहलाता है किसान?
तकनीकी तौर पर किसान कहलाने के लिए सरकारी पैमाना है. इस पैरामीटर पर खरे उतरने वाले ही खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं.
-राष्ट्रीय किसान नीति-2007 के अनुसार किसान शब्द का मतलब उगाई गई फसलों की आर्थिक या आजीविका क्रियाकलाप में सक्रिय रूप से शामिल व्यक्ति तथा अन्य प्राथमिक कृषि उत्पादों को उगाने वाले व्यक्ति से है.
-इसमें काश्तकार, कृषि श्रमिक, बटाईदार, पट्टेदार, मुर्गीपालक, पशुपालक, मछुआरे, मधुमक्खी पालक, माली, चरवाहे आते हैं. रेशम के कीड़ों का पालन करने वाले, वर्मीकल्चर तथा कृषि-वानिकी जैसे विभिन्न कृषि-संबंधी व्यवसायों से जुड़े व्यक्ति भी किसान हैं.
-केंद्र सरकार के पास करीब 10 करोड़ किसान परिवारों का आधार, बैंक अकाउंट नंबर और उनके रेवेन्यू रिकॉर्ड की जानकारी प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के तहत एकत्र हो चुकी है.
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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी