टमाटर से किसानों की चांदी

August 05 2020

कुल्लू में फलों के बेहतर दाम मिलने के बाद सब्जियों को भी व्यापारी हाथों हाथ ले रहे हैं। कुल्लू का टमाटर स्थानीय मंडियों में 35 से 40 रुपये किलो बिक रहा है। सेब उचित दाम में बिकने के साथ ही टमाटर के दाम मिलने से घाटी के किसानों के चेहरे खिल गए हैं।

इससे पहले फूलगोभी, गोभी और मटर में किसानों को काफी घाटा उठाना पड़ा था। पिछले साल सीजन के दौरान टमाटर पांच से दस रुपये किलो तक बिका था। इस बार किसानों को टमाटर के दाम तीन गुना अधिक मिल रहे हैं। किसानों को उम्मीद जगी है कि पिछले साल के नुकसान की भरपाई इस साल हो जाएगी। 

इस वर्ष घाटी के किसानों के साथ युवाओं ने भी टमाटर उत्पादन के व्यवसाय को अपनाया है। कोरोना काल में युवाओं का फसलों की ओर रुझान बढ़ा है। मंगलवार सुबह घाटी की सब्जी मंडियों में टमाटर का एक क्रेट 750 से 800 रुपये तक बिका। किसान पवन, गुड्डू, छविंद्र, मोहन लाल, बुधराम, दुनी चंद, प्रेम चंद, शोभा राम, गोविंद सिंह, बलवंत ने कहा कि सब्जी मंडियों में बरसात के मौसम में हर वर्ष टमाटर के दामों में गिरावट आती है। इस वर्ष फसल के जो दाम अभी मिल रहे हैं। इसकी उम्मीद किसानों को नहीं थी। टमाटर के 35 से 40 रुपये किलो दाम मिलने से किसान खुश है। 

उधर, कुल्लू और स्नोर वैली आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष खुशहाल ठाकुर ने कहा कि पिछले वर्ष घाटी में टमाटर की बंपर फसल के बावजूद मांग न होने से किसानों को दाम नहीं मिल पाए थे। इस वर्ष फसल की कम पैदावार होने की वजह से किसानों को टमाटर के अच्छे दाम मिल रहे हैं। मंगलवार को सब्जी मंडी में टमाटर 35 से 40 रुपये किलो तक बिका।

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स्रोत: Amar Ujala