जैविक खेती की ज्योत जगा रहे इन 4 किसानों को ‘पद्मश्री’ से किया सम्मानित

January 31 2023

गणतंत्र दिवस पर इस बार पद्म पुरूस्कार से नवाजे जाने वालों की सूची में कई ऐसे गुमनाम हस्तियों के नाम शामिल हैं, जिनके बारें में बहुत कम जानकारी हैं। वो गुमनाम हस्तियां जो सालों से सिर्फ अपना काम कर रही हैं, महज खेती की नई तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर खेती की दुनिया ही बदल दी है। कुछ किसानों ने पारंपरिक खेती और देशी बीजों को नारा बुलंद करके पूरे देश भर में नाम कमाया हैं। ऐसे ही नवाचारों वाले किसान पद्मश्री से सम्मानित होकर बाकी किसानों के लिए एक इंसप्रेशन बने हैं।  साल 2023 में कृषि क्षेत्र में अपने विचारों से बदलाव लाने वाले किसानों को सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है.। जिनमें केरल के आदिवासी किसान चेरूवालय के. रमन, उड़ीसा के पटायत साहू, सिक्कम के 98 वर्षीय किसान तुला राम उप्रेती और हिमाचल के नेकराम शर्मा शामिल हैं। 

केरल के चेरुवयल रामन

केरल के आदिवासी किसान रमन ने 500 साल पुरानी प्रजाति समेत धान की 54 किस्मों को बचाया हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन खेती और देसी बीजों के लिए समर्पित कर दिया हैं। के. रमन ने सालों से धान की देसी प्रजातियों के संरक्षण की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाया हैं।

उड़ीसा के पटायत साहू

उड़ीसा के पटायत साहू ने मात्र डेढ़ एकड़ जमीन से 3 हजार से अधिक औषधियों का उत्पादन किया हैं। जिनकी तारीफ खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की हैं। पटायत साहू की औषधि निर्माण में सबसे बड़ी बात यह हैं कि वह बिना किसी कैमिकल के उपयोग बिना ही खेती करते हैं।   

हिमाचल प्रदेश के नेकराम शर्मा

हिमाचल प्रदेश के नेकराम शर्मा ने  प्रकृति के संरक्षण के लिए पारंपरिक खेती और देशी बीजों का नारा बुलंद कर ‘नौ अनाज’ पारंपरिक फसल प्रणाली को दोबारा जीवित किया है। नेकराम शर्मा को हिमाचल प्रदेश में देसी अनाजों का रक्षक भी माना जाता हैं और नेकराम शर्मा पिछले 30 वर्षों से 40 अनोखी प्रजातियों का संरक्षण कर रहें हैं।

सिक्किम के तुला राम उप्रेती

98 वर्षीय सिक्किम के तुला राम उप्रेती ने जैविक खेती के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया हैं। तुला राम ने आजीवन पारंपरिक तरीकों के जरिए जैविक खेती की और खेती में अपना नाम कमाया हैं। आज के इस समय जब किसान जैविक खेती करने से डरते हैं, वहां तुला राम उप्रेती जैसे किसान अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। तुला राम अन्य  किसानों को भी जैविक खेती-प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रहें हैं, और जैविक खेती के महत्व को दिखाकर पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा में अपनी अहम भूमिका निभा  रहें हैं।

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स्रोत:कृषक जगत