गेहूं बिक्री होगी आसान, हरियाणा सरकार ने हटाई किसानों पर लगाई गई ये शर्त

April 21 2020

देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में शामिल हरियाणा (Haryana) में सोमवार से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है. किसानों द्वारा मंडियों में लाए जाने वाले गेहूं के लिए मात्रा प्रतिबंध की सभी शर्तें हटा दी गई हैं. 15 अप्रैल से शुरू हुई सरसों खरीद में प्रत्येक किसान 8 क्विंटल प्रति एकड़ व एक दिन में अधिकतम 40 क्विंटल ही बेच सकता था लेकिन गेहूं के मामले में ऐसी कोई लिमिट नहीं तय की जाएगी. इसका अर्थ ये हुआ कि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान अपनी पूरी फसल एक ही बार में मंडी ला सकते हैं. ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया दोबारा खोल दी गई है. इससे किसानों को थोड़ी राहत मिली है.

रजिस्ट्रेशन के लिए खुला रहेगा ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’

कृषि एवं किसान कल्याण और सहकारिता विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर गेहूं के लिए रजिस्टर्ड किसानों की संख्या 7 लाख से अधिक होकर 73 प्रतिशत के आंकड़े को पार कर गई है. आगे रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल को खुला रखा गया है ताकि अधिक से अधिक किसान इससे जुड़कर सकें. उन्हें गेहूं की बिक्री के लिए खरीद केंद्रों पर एसएमएस भेजकर बुलाया जा सके.

सरकार ने कोरोना (covid-19) को ध्यान में रखते हुए पहले ही कह दिया था कि खरीद सीजन के दौरान ढुलाई और अन्य कार्यों में लगने वाले सभी श्रमिकों के ठहरने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी. ताकि अन्न की ढुलाई के काम में बाधा न पैदा हो.

देरी पर मिलेगा बोनस

हरियाणा पहला ऐसा राज्य है जो लॉकडाउन (lockdown) की वजह से फसल खरीद की देरी पर बोनस दे रहा है. अगर कोई किसान 20 अप्रैल से 5 मई तक अपना गेहूं खरीद केंद्र पर बेचता है तो उसे सरकार 1925 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदेगी. यानी यही गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) है. लेकिन 6 से 31 मई तक यही गेहूं 1975 रुपये क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा, यानी एमएसपी के ऊपर 50 रुपये का बोनस जुड़ेगा. इसी तरह 1 से 30 जून तक 2050 रुपये के हिसाब से खरीद होगी. यानी 125 रुपये का बोनस जुड़कर मिलेगा.

कोरोना फंड में किसानों ने दिया योगदान

हरियाणा का किसान न सिर्फ अपनी मेहनत से अनाज गोदामों को भर रहा है बल्कि कोरोना के संकट काल में सरकार को नगद मदद भी दे रहा है. हरियाणा सरकार के मुताबिक राज्य के 137 किसानों ने स्वेच्छा से हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में 1,63,267 रुपये का योगदान दिया है.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी