खेती की लागत को कम करने पर जोर

April 22 2021

21 अप्रैल 2021, नई दिल्ली। खेती की लागत को कम करने पर जोर – कृषि  मंत्रालय, ने गत 20 अप्रैल, को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये खरीफ 2021 के लिए आईसीएआर के साथ संयुक्त  बैठक आयोजित की। कृषि विभाग के डिवीजनों ने आईसीएआर में अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श में खरीफ और रबी मौसम से पहले सालाना दो बार आयोजित होने वाले पूर्व-मौसमी इंटरफेस के लिए शोध के मुद्दों पर समूह की सिफारिशों प्रस्तुत की। इन समूह की अनुशंसाओं के बारे में इंटरफ़ेस के संयुक्त पूर्ण सत्र में विस्तार से चर्चा की गई।

इस खरीफ पूर्व इंटरफ़ेस कार्यशाला में,  फसलें, बीज, बागवानी, पौध संरक्षण, मशीनीकरण और प्रौद्योगिकी, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन आदि  उभरते हुए और पहचाने गए मुद्दों के जवाब में समूह की सिफारिशें तैयार की गई जो खरीफ मौसम 2021 के लिए आईसीएआर के साथ विचार-विमर्श पर आधारित थी। विचार-विमर्श की अगुवाई और मार्गदर्शन श्री संजय अग्रवाल सचिव कृषि सचिव , श्री मोहपात्रा-महानिदेशक (आईसीएआर) द्वारा किया गया। महानिदेशक (आईसीएआर) ने कहा कि वर्तमान वर्ष को फलों और सब्जियों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और केवीके सहित हमारे अनुसंधान और विस्तार प्रणाली को चालू वर्ष के दौरान सम्मेलनों में उपलब्धियों का प्रदर्शन करना चाहिए।

नेशनल वर्चुअल कांफ्रेंस 30 को   

कृषि सचिव श्री अग्रवाल ने अपने समापन भाषण में जैव-आरक्षित किस्मों की खेती के साथ फसलों की उपयुक्त कीट और रोग प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग करके खेती की लागत को कम करने पर जोर दिया; खरीफ फसलों विशेषकर दालों और तिलहन की उत्पादकता में वृद्धि; वैरिएटल मिसमैच को कम करना, विशेष रूप से कीटनाशकों के प्रयोग में कृषि में ड्रोन का उपयोग, आदि। खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा के मुद्दे के समाधान के लिए, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के माध्यम से दालों सहित खाद्यान्नोंी की बायोफोर्टिफाइड किस्मों् को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है, अब कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा मिशन के लिए नाम बदलने का फैसला किया है।  उन्होंने यह भी बताया कि खरीफ फसल -2021 पर एक राष्ट्रीय वर्चुअल सम्मेलन कृषि मंत्रालय  द्वारा 30 अप्रैल, 2021 को आयोजित किया जा रहा है, ताकि खाद्यान्न उत्पादन के लक्ष्यों को प्राप्त करने और हाल में आईएमडी द्वारा पूर्वानुमानित अनुकूल मानसून का पूरा लाभ लेने के लिए सभी राज्यों के अपर सचिवों, कृषि और बागवानी के प्रमुख  सचिवों के साथ बुवाई के खरीफ मौसम की योजना पर चर्चा की जा सके।

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स्रोत: krishakjagat