केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार 67 फीसदी एरिया में बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले थोड़ी ज्यादा है। देश में खरीफ फसलों का सामान्य एरिया 1091.73 लाख हेक्टेयर है जबकि 21 जुलाई तक 733.42 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई जा चुकी है। पिछले साल इस अवधि में सिर्फ 724.99 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। यानी इस बार पिछले साल के मुकाबले बुवाई की रफ्तार तेज है और 8.43 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र कवर हो चुका है। धान, मोटे अनाजों, तिलहन और गन्ने की बुवाई पिछले साल से ज्यादा अच्छी है। जबकि दलहन फसलों की बुवाई कम हुई है।
खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 4.73 लाख हेक्टेयर अधिक हो चुकी है। पिछले वर्ष 21 जुलाई तक 175.47 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई और रोपाई हुई थी, जबकि इस बार 180.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर हो चुका है। मध्य प्रदेश में पिछले साल से 7.07 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में रोपाई हो चुकी है। बिहार में 5.64 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 4.07 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 1.20 लाख हेक्टेयर और पश्चिम बंगाल में पिछले साल से 0.62 लाख हेक्टेयर अधिक धान रोपा जा चुका है। राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं जिनमें धान की रोपाई पहले से अच्छी हुई है। मोटे अनाजों यानी श्री अन्न की बुवाई पिछले साल से 6.17 लाख हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में हो चुकी है। इस साल 21 जुलाई तक 134.91 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया जा चुका है। जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान बुवाई का एरिया 128.75 लाख हेक्टेयर था। कपास का एरिया लगभग पिछले साल के बराबर ही है।
इस खबर को अपनी खेती के स्टाफ द्वारा सम्पादित नहीं किया गया है एवं यह खबर अलग-अलग फीड में से प्रकाशित की गयी है।
स्रोत: किसान तक