क्या है ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ स्कीम जिससे जुड़ गए 12 लाख किसान, जानिए इसके बारे में सबकुछ

April 29 2020

किसानों (Farmers) के लिए बनाई ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ स्कीम से अब तक हरियाणा के 12 लाख लोग जुड़ गए हैं. जबकि यहां 15.5 लाख किसान परिवार हैं. आखिर इसमें ऐसा क्या है कि एक प्रदेश के इतने लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया. मार्च के बाद इससे करीब 6.5 लाख किसान जुड़े हैं. दरअसल, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (Meri Fasal  Mera Byora) पोर्टल पर यदि हरियाणा का कोई किसान जुड़ गया है तो उसे कई तरह के लाभ लेने में आसानी होगी. ये एक साथ किसानों की कई समस्याओं का समाधान करता है.

ताजा लाभ ये है कि किसान सरसों और गेहूं की फसल (wheat crop) इसी पोर्टल के जरिए बेच पा रहा है. इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों को सरकार बारी-बारी से एसएमएस भेजकर मंडी में बुला रही है. किसान को पता है कि उसे कब जाना है. वरना मंडी में भीड़ लग जाती. इस तरह कोरोना लॉकडाउन (coronavirus lockdown) के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाने में यह काफी कारगर साबित हुआ है. कुल मिलाकर इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड होकर कोई भी किसान सरकारी रेट पर अपनी उपज बेच सकता है.

क्या-क्या मिलेगा लाभ

-किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता और समस्या निवारण के लिए यह प्रयास शुरू हुआ है.

-किसानों को खेती-किसानी से संबंधित जानकारियां समय पर मिलेंगी.

-खाद, बीज, ऋण एवं कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर मिल सकेगी.

-फसल की बिजाई-कटाई का समय और मंडी संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी.

-प्राकृतिक आपदा-विपदा के दौरान सही समय पर सहायता दिलाने में भी यह पोर्टल मदद करेगा.

-पराली न जलाने वाले किसानों को भी इसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किया गया पैसा उसे मिलेगा.

कब हुई शुरुआत, कैसे होता है काम 

इसकी शुरुआत 5 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की थी. इस पोर्टल पर किसान अपना फसल संबंधी डिटेल अपलोड कर खेती-किसानी से जुड़ी राज्य की सभी सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं. यह जमीन के रिकॉर्ड के साथ एकीकृत (Integrated) है. इसमें किसान अपनी निजी जमीन पर बोई गई फसल का ब्यौरा देता है. इसी आधार पर उसकी फसल उपज की खरीद तय होती है.

ऐसे कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन 

-आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जरूरी है. फसल से संबंधित जानकारी इस रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस से मिलेगी.

-जमीन की जानकारी के लिए रेवेन्यू रिकॉर्ड के नकल की कॉपी, खसरा नंबर देख कर भरना होगा.

-फसल के नाम, किस्म और बुआई का समय मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भरना होगा.

-बैंक पासबुक की कॉपी भी लगानी होगी, ताकि किसी भी स्कीम का लाभ सीधे अकाउंट में भेजा जा सके.


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स्रोत: न्यूज़ 18 हिंदी