कोरोना महामारी के बीच अच्छी खबर, भारतीय चावल की साख बरकरार

June 24 2020

कोरोना महामारी के बीच यह अच्छी खबर है। एक तरफ जहां ज्यादातर सभी उत्पादों के आयात और निर्यात पर बुरा असर पड़ा है। वहीं भारतीय चावल की साख बरकरार है। भारतीय चावल का निर्यात कोरोना काल में भी करीब चार प्रतिशत बढ़ा है। वहीं मीट का एक्सपोर्ट 55 प्रतिशत गिर गया है। चावल की एक्सपोर्ट दर बढ़ने से बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान (बीईडीएफ) मोदीपुरम के वैज्ञानिकों और निर्यातकों के साथ ही किसानों में खुशी की लहर है।

विदेशों में भारतीय चावल की धाक जमती जा रही है। कोरोना काल के दौरान तीन माह से ज्यादा लॉकडाउन रहने के बावजूद कई देशों से बीते साल की तुलना में ज्यादा मांग आई है। वाणिज्य मंत्रालय के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) की रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल 20 मार्च से 21 जून के बीच जितना चावल निर्यात किया गया, इस बार उससे कहीं ज्यादा मांग रही। भारतीय चावल का निर्यात तेजी से बढ़ा है। हालांकि कोरोना के चलते कई अन्य उत्पादों का निर्यात घटा है। इनमें मीट (55 फीसदी), अंगूर व अन्य आर्गेनिक उत्पाद भी हैं। 

भारतीय चावल अग्रणी रहा

कोरोना काल में दुनिया के खाद्य संकट को दूर करने के लिए भारतीय चावल सबसे अग्रणी रहा है। अपने निर्यात को बढ़ाते हुए भारत ने कई देशों में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। चावल का निर्यात बढ़ना अच्छी खबर है।

चावल के निर्यात में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बीईडीएफ इस मुश्किल घड़ी में भी किसानों के साथ खड़ा है। कम लागत में ज्यादा उत्पादन के प्रयास किए जा रहे हैं। निर्यात बढ़ने से किसानों को फायदा होगा।

कोरोना से लोगों का शाकाहार की ओर रुझान बढ़ा है। शाकाहारियों के बीच चावल को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसी कारण से विदेशों में भारतीय चावल की मांग बढ़ी है। इस दौरान लोगों ने मांसाहार से दूरी बनाई। इसी कारण मीट का निर्यात घटा है।

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स्रोत: Amar Ujala