केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया मधुक्रांति पोर्टल का शुभारंभ, मधुमक्खी पालकों को होंगे कई फायदे

April 08 2021

भारत ने विश्व के पांच सबसे बड़े शहद उत्पादक देशों में अपना स्थान बना लिया है। मधुमक्खी पालन (Honey Bee) से किसानों की आमदनी बढ़ाने करने के लिए लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके व्यवसाय की तरफ देश के कई संस्थान विशेष ध्यान दे रहे हैं।

अगर आप मधुमक्खी पालन (Honey Bee) व्यवसाय करते हैं, तो इससे  एक साल में लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। अगर आप भी मधुमक्खी पालन (Honey Bee) करना चाहते हैं, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है।

दरअसल, मधुमक्खी पालकों और इसके व्यापार से जुड़े लोगों के लिए एक विशेष पोर्टल लॉन्च किया गया है। इसका नाम मधुक्रांति पोर्टल (Madhukranti Portal) है। इस पोर्टल की शुरुआत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा उद्घाटन किया। इसके अलावा हनी कॉर्नर समेत शहद परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया है। आइए आपको इस विशेष पोर्टल संबंधी ज़रूरी जानकारी देते हैं।

क्या है मधुक्रांति पोर्टल?

इस पोर्टल को राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर मधुमक्खी पालकों और इस काम से जुड़े लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा. यहां पर शहद की खरीद-बिक्री का भी डेटा रहेगा। इसके साथ ही सरकार द्वारा अध्ययन किया जाएगा, ताकि मधुमक्खी पालकों के लिए और योजनाएं शुरू की जा सकें।

मधुक्रांति पोर्टल का उद्देश्य

यह पोर्टल मधुमक्खी पालकों और इसके व्यापार से जुड़े लोगों को एक बड़ी राहत देगा। इसके साथ ही मोदी सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन (Honey Bee) के क्षेत्र पर खास ध्यान दिया जाएगा। बता दें कि  हाल ही में पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मीठी क्रांति का जिक्र किया था।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने क्या कहा?

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा कि देश में शहद का उत्पादन बढ़ाकर निर्यात में वृद्धि की जा सकती है। इसके साथ ही रोजगार बढ़ाए जा सकते हैं, तो वहीं गरीबी उन्मूलन की दिशा में भी बेहतर काम किया जा सकता है। इसेक अलावा मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन व पशुपालन के जरिए भूमिहीन किसानों को गांवों में ही अच्छा जीवन जीने का साधन मिल सकता है।

हनी आउटलेट किया जा रहा स्थापित

शहद उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए नेफेड के आउटलेट भी स्थापित किए जा रहे हैं। इसके तहत हॉनी कॉर्नर की अलग से स्थापना की जाएगी। बता दें कि दिल्ली में लगभग 15 ऐसे आउटलेट स्थापित किए जा चुके हैं, जहां ग्राहकों को उचित मूल्य पर गुणवत्ता वाला शहद प्रोडक्ट उपलब्ध कराया जाता है। इसी तरह सरकार देश में हनी आउटलेट का विस्तार करने की योजना बना रही है।

कितना होता है एक्सपोर्ट?

  • राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (National Bee Board) की रिपोर्ट को देखा जाए, तो देश में लगभग 14,12,659 मधुमक्खी कॉलोनियों के साथ कुल 9,580 रजिस्टर्ड मधुमक्खी-पालक हैं।
  • प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की मानें, तो साल 2019-20 में लगभग 59,536.75 मिट्रिक टन प्राकृतिक शहद का एक्सपोर्ट किया गया. इसके बदले लगभग 82 करोड़ रुपए मिल चुके हैं।
  • तो वहीं साल 2018-19 में 61,333.88 टन प्राकृतिक शहद का निर्यात किया गया, जिसके बदले लगभग 16 करोड़ रुपए मिल चुके हैं.
  • साल 2019-20 में शहद उत्पादन लगभग 1 लाख 20 हजार टन तक जा पहुंचा है।

इस कारण देश के पांच राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल में संबंधित एफपीओ (FPO) बनाए गए हैं। बता दें कि सरकार की तरफ से आने वाले समय में लगभग 10 हजार एफपीओ (FPO) बनाने का लक्ष्य तय किया गया है इसमें भी मधुमक्खी पालक और शहद उत्पादन, दोनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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स्रोत: KrishiJagran