सोलर पम्प पर दी जा रही है 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी, किसान इस तरह से ले सकते हैं योजना का लाभ

January 24 2023

खेतों में सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था होने पर किसान न केवल फसलों की समय पर सिंचाई करके पैदावार बढ़ा सकते हैं वहीं वर्ष भर में एक से अधिक फसलें भी आसानी से ले सकते हैं। जिससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हो सकती है। परंतु आज के समय में भी किसानों को समय पर पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नहीं रहना पड़े, इसके लिए सोलर पम्प की स्थापना पर अनुदान दिया जा रहा है। सोलर पम्प की महत्ता को देखते हुए राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को सोलर पम्प की स्थापना के लिए भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। राजस्थान सौर ऊर्जा पंपों की स्थापना में देश में पहले पायदान पर है। राज्य में सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत पिछले 4 वर्षों में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।

सोलर पम्प पर कितना अनुदान Subsidy दिया जाता है?

राजस्थान के कृषि आयुक्त कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि किसानों को सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापना करने पर इकाई की लागत का 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 45 हजार रुपये का अतिरिक्त अनुदान तथा जनजातीय उप-योजना क्षेत्र मे अनुसूचित जनजातियों के किसानों को 3 व 5 एच.पी क्षमता के सौर पंप संयंत्र पर शत प्रतिशत अनुदान दिये जाने का भी प्रावधान किया गया है। 

एक लाख किसानों को दिया जाएगा सोलर पम्प पर अनुदान 

राजस्थान सरकार द्वारा जारी कृषि बजट घोषणा 2022-23 में आगामी 2 वर्षों में एक लाख किसानों को सोलर पम्प स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। कृषि आयुक्त ने बताया की सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत गत 4 वर्षों में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। वर्ष 2018-19 (दिसम्बर 2018 से) में 3 हजार 462 किसानों को 70 करोड़ 30 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 10 हजार 4 किसानों को 57 करोड़ 81 लाख रुपये का, वर्ष 2020-21 में 13 हजार 880 किसानों को 133 करोड़ 39 लाख रुपये का, वर्ष 2021-22 में 10 हजार किसानों को 320 करोड़ 41 लाख रुपये का और वर्ष 2022-23 में अब तक 20 हजार 311 किसानों को 401 करोड़ 4 लाख रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है। 

इन किसानों को दी जाएगी सोलर पम्प पर सब्सिडी

सोलर पम्प संयंत्र पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि कृषक द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर अथवा स्प्रिंकलर संयंत्र काम में लिया जा रहा हो। योजना के तहत उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीनहाउस, शेडनेट हाउस और लो-टनल्स काम में लेने वाले कृषक भी अनुदान के लिए पात्र हैं। पात्र किसानों को 3 एच.पी, 5 एच.पी और 7.5 एच.पी के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। 

3 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन 

3 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र हेतु आवेदन करने के लिए किसानों के पास में कम से कम 0.4 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त किसान के पास एक हजार घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा या 400 घन मीटर क्षमता की डिग्गी या 600 घन मीटर क्षमता का फ़ार्म पौण्ड या 100 घन मीटर क्षमता का जल हौज अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना चाहिए।

5 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन 

5 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र हेतु आवेदन करने के लिए किसान के पास में कम से कम 0.75 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। साथ ही 2000 घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा या डिग्गी या फ़ार्म पौण्ड अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना चाहिए।

7.5 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन 

इसी प्रकार 7.5 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र के लिए किसान के पास में कम से कम 1.0 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। साथ ही 7500 घन मीटर की क्षमता की जल संग्रहण ढांचा या डिग्गी अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना ज़रूरी है। 

सोलर पम्प अनुदान हेतु आवेदन कहाँ करें? 

राजस्थान राज्य के किसान योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र में किसानों को आवश्यक रूप से अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा। योजना अथवा आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान निकटतम कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते है या किसान कॉल सेंटर के निःशुल्क दूरभाष नंबर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं।

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Source: Kisan Samadhan