बैटरी से चलने वाला कल्टीवेटर एवं प्लांटर किया गया लॉन्च, किसान अब आसानी से कर सकेंगे खेतों की जुताई एवं बुआई

July 30 2022

कृषि कार्यों में आधुनिक कृषि यंत्रों का महत्व काफी बढ़ गया है, इन कृषि यंत्रों की मदद से किसान कम समय में आसानी से अधिक काम कर सकते हैं, जिससे खेती की लागत में भी कमी आती है। कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा किसानों के लिए लगातार नए-नए प्रकार के कृषि यंत्र बनाएँ जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक किसान इन कृषि यंत्रों का लाभ ले सकें। 28 जुलाई के दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार के मौके पर कृषि कार्य आसान बनाने वाले दो तरह के कृषि यंत्रों की लॉन्चिंग की।
मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले के विकासखण्ड पाटन के ग्राम करसा में लगाई गई कृषि प्रदर्शनी में पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर को लॉन्च किया। यह दोनों ही कृषि यंत्र इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बनाया है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में कमी आएगी साथ ही लागत में भी कमी होगी।
बैटरी से चलने वाले कल्टीवेटर की विशेषता एवं कीमत
सामान्यतः जुताई के कार्य के लिए किसान देसी हल का उपयोग करते हैं। इसके पश्चात पाटा का उपयोग किया जाता है। इस दौरान खेत में ढेले टूट नहीं पाते। इससे बीज बोने वाले यंत्र को चलाने में कठिनाई होती है। ऐसे में द्वितीयक जुताई के लिए पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर कृषकों की समस्या का निदान कर सकता है।
इस यंत्र में 750 वॉट (1 एचपी) की मोटर लगी है और 48 वोल्ट पॉवर की बैटरी लगाई गई है। इस कल्टीवेटर की सहायता से 1 हेक्टेयर खेत को 5-7 घंटे में एक बार द्वितीयक जुताई की जा सकती है। इससे जहाँ मवेशियों को कम बल लगाना पड़ेगा तो वहीं कृषक भी सीट पर बैठकर आसानी से पूरे यंत्र को संचालित कर सकते हैं। इस पूरे यंत्र की लागत क़रीब 55-60 हज़ार रुपये बतायी जा रही है।
प्लांटर की विशेषता एवं कीमत
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक द्वारा पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड प्लांटर भी बनाया गया है। इसकी सहायता से कतारबद्ध बीज से बीज की दूरी बनाए रखते हुए बुआई की जा सकेगी। इस प्लांटर को कतार से कतार के बीच की दूरी फसल के अनुसार 20 से 50 सेन्टीमीटर तक व्यवस्थित कर सकते हैं। प्लांटर की लागत लगभग 20-25 हज़ार रुपये बताई जा रही है।
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स्रोत:Kisan Samadhan